Yogini Ekadashi: आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को योगिनी एकादशी व्रत रखा जाता है। इस दिन व्रत रखने वालों को विष्णु जी की असीम कृपा प्राप्त होती है। मान्यताओं के अनुसार अगर आप इस दिन व्रत रखते हैं तो आपको 88 हजार ब्राह्माणों को भोजन कराने के जितना शुभ फल प्राप्त होता है। इस दिन विष्णु भगवान को प्रसन्न करने के लिए पूजा के साथ ही उनका प्रिय भोजन भी आपको अर्पित करना चाहिए। आइए ऐसे में जानते हैं कि भगवान विष्णु को किन चीजों का भोग योगिनी एकादशी के दिन लगाना शुभ माना जाता है।
भगवान विष्णु को लगाएं इन चीजों का भोग
- योगिनी एकादशी के दिन पूजा व्रत रखने वालों को भोग के रूप में भगवान विष्णु को खीर अर्पित करनी चाहिए। खीर का भोग भगवान विष्णु को लगाने से आपको उनकी कृपा प्राप्त होती है और साथ विष्णु जी के आशीर्वाद से आरोग्य आप प्राप्त करते हैं।
- भगवान विष्णु के प्रिय भोगों में से एक है पंचामृत, इसलिए आपको योगिनी एकादशी के दिन पंचामृत का भोग विष्णु जी को अवश्य अर्पित करना चाहिए। पंचामृत का भोग लगाने से विष्णु भगवान तो प्रसन्न होते ही हैं साथ ही माता लक्ष्मी भी आप पर कृपा बरसाती हैं।
- फलों में केला भगवान विष्णु को अतिप्रिय है। अगर आप विष्णु जी को केला अर्पित करते हैं तो धन से जुड़ी परेशानियां दूर हो सकती हैं। केला भगवान विष्णु को अर्पित करना आपको पारिवारिक जीवन में भी शुभता प्रदान करता है। इसके साथ ही देव गुरु बृहस्पति भी आपको कुंडली में मजबूत होते हैं। गुरु के मजबूत होने से वैवाहिक जीवन में खुशियां लौटती हैं और आप सामाजिक स्तर पर भी ख्याति प्राप्त करते हैं।
- आप एकादशी तिथि के दिन मोतीचूर से बने लड्डू भी विष्णु भगवान को अर्पित कर सकते हैं। लड्डू का भोग लगाने से आपकी मानसिक और शारीरिक परेशानियां दूर हो सकती हैं। साथ ही अगर आपके जीवन में कोई आर्थिक समस्या चल रही थी तो उसका भी अंत हो जाता है।
- इन चीजों के साथ ही दही और दूध भी भगवान विष्णु को अर्पित करना बेहद शुभ माना गया है। इन चीजों का भोग भगवान विष्णु को लगाने से आपकी सभी इच्छाएं पूरी हो सकती हैं।
- अगर आप भी योगिनी एकादशी के दिन व्रत रख रहें हैं तो, विष्णु भगवान का भोग लगाने में आपको इनमें से कोई न कोई वस्तु अवश्य अर्पित करनी चाहिए। इनमें से कोई भी एक खाद्य-पदार्थ अगर आप श्रद्धापूर्वक विष्णु भगवान को अर्पित करते हैं तो आपके जीवन की कई समस्याओं का अंत हो सकता है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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