हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को देव दीपावली का पर्व मनाया जाता है। इस त्योहार को भी दीपों का त्योहार कहा जाता है। देव दीपावली को त्रिपुरारी पूर्णिमा के नाम से भी जानते हैं। इस बार पूर्णिमा तिथि पर साल का आखिरी चंद्र ग्रहण होने के कारण देव दिवाली का पर्व एक दिन पहले मनाया गया। देव दिवाली का पर्व दीपावली के ठीक 15 दिन बाद मनाया जाता है। देव दिवाली मुख्य रूप से काशी में मनाई जाती है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान काशी की ज़मीं पर उतरते हैं और गंगा स्नान करके इस पर्व को मनाते हैं। लेकिन इस बार का देव दीपावली पर्व बहुत ही धूमधाम से मनाया गया। यूपी सरकार ने इस बार 7 नवंबर को काशी में 21 लाख दीयों से देव दीपावली का आयोजन किया गया था। जिस वजह से इस त्यौहार को लेकर पूरे देश में इसकी चर्चा हुई और इसकी भव्यता का साक्षी हर कोई बना।
गंगा घाट पर जले 21 लाख दीप
काशी की देव दीपावली इस बार लोगों के लिए यादगार बन गई। इस पर्व के दिन शिव की नगरी बनारस में स्वयं देवलोक उतर आये थे। इस बार देव दीपावली पर दुनिया ने भव्य और दिव्य काशी का नया रूप देखा। काशी के घाट, कुंड और सरोवरों पर 21 लाख दीपों की रोशनी की आभा का स्वर्णिम संसार देखने लायक था।
सरकार ने देव दीपावली पर्व पर भक्तों को दिया ख़ास तोहफा
उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग इस आयोजन को भव्य बनाने में अपनी पूरी जान लगा दी थी। यूपी सरकार ने इस बार 7 नवंबर को काशी में 10 लाख दीयों से देव दीपावली का आयोजन किया गया था। काशी के घाट पर पहली बार 3डी प्रोजेक्शन मैपिंग लेजर शो कराया। साथ ही शिव भजनों का लेजर और लाइट मल्टीमीडिया शो भी आयोजित कराया गया। आयोजकों के मुताबिक, घाट पर इंस्टॉल और शो को चलाने के लिए टेक्नीशियन व इंजीनियर मिलाकर करीब 250 से अधिक लोगों की टीम लगी थीं। और इस शो का प्रोजेक्शन 20 लेजर प्रोजेक्टर के ज़रिए हुआ था।
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इस साल पर्यटन विभाग की तरफ से होने वाले इन आयोजनों पर सीएम योगी की सीधी नजर थी। देव दीपावली पर्व से एक दिन पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी के नमो घाट का निरीक्षण करते नज़र आये थे। देश दुनिया के पर्यटक महज चार घंटों के इस पर्व के महा आयोजन को देखने के लिए काशी आये थे।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और मान्यताओं पर आधारित हैं। इंडिया टीवी इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।
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