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Year Ender 2022: कोरोना के बाद इस साल इन तीर्थ स्थलों पर जमकर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

करीब दो साल कोरोना की पाबंदियों के बाद जब तीर्थस्थलों के कपाट खुले तो भक्तों की भड़ी उमड़ पड़ी। इस साल वैष्णों देवी से लेकर केदारनाथ धाम समेत वृंदावन और कई शक्तिपीठ में श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा

Written By: Vineeta Mandal
Updated on: December 17, 2022 14:46 IST
pilgrimage sites- India TV Hindi
Image Source : FILE IMAGE तीर्थस्थल

Year Ender 2022: साल 2022 कोरोना के साए ये दूर रहा है। इस साल लोगों ने जमकर घूमा और बाजारों में खरीददारी की। त्योहार की रौनक भी खूब देखने को मिली। दुर्गा पूजा के मेले से लेकर छठ घाटों तक भक्तों की भारी भीड़ रही। कोरोना मामलों की संख्या में गिरावट देखने के बाद भारत के पर्यटन स्थल समेत तीर्थ स्थलों के दरवाजे भी श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है। नतीजतन, तमाम बड़े और प्रसिद्ध मंदिरों में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। इसमें केदारनाथ समेत कई मंदिर शामिल हैं।

ज्वालादेवी मंदिर 

ज्वालादेवी मंदिर हिमाचल के कांगड़ा में स्थित है। इस मंदिर की काफी मान्यता है। कोरोना के बाद जब मां का दरबार भक्तों के लिए खुला तो जमकर भीड़ उमड़ी। बता दें कि ज्वाला देवी मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है। यहां धरती के गर्भ से निकल रही नौ ज्वालाओं की पूजा की जाती है। इस मंदिर को लेकर देवी भक्तों की गहरी आस्था है। कहते हैं ज्वाला देवी मंदिर में उठ रही ज्वाला को मुगलकाल में बुझाने की कोशिश की गई थी लेकिन यह असफल रहा है। इस चमत्कार को देखकर अकबर ने भी मंदिर में अपना सिर झुकाया था।

केदारनाथ धाम

उत्तराखंड के पहाड़ों पर स्थित केदारनाथ धाम जाना हर शिव भक्तों के लिए एक ख्वाब सा होता है। कोरोना के बाद जब यहां जाने की इजाजत मिली तो शिव श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। इस साल मई में कपाट खुलने के दूसरे दिन ही केदारनाथ करीब 40 हजार लोग पहुंचे हुए थे। श्रद्धालुओं की संख्या इतना ज्यादा बढ़ गई थी कि हालात बेकाबू से हो गए थे। 

मथुरा-वृंदावन 

जन्माष्टमी के मौके पर कृष्ण नगरी मथुरा और वृंदावन में भी भक्तों का सैलाब देखने को मिला। कृष्ण जन्म के मौके पर दूर-दराज से भक्त उनके दर्शन करने पहुंचे हुए थे।  बता दें कि जन्माष्टमी के मौके पर मथुरा के वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में देर रात दर्शन के लिए उमड़ी भीड़ में दबकर दो लोगों की मौत हो गई थी। वहीं, दम घुटने के बाद बनी भगदड़ जैसी स्थिति में सात लोग घायल हो गए थे।

 वैष्णों देवी 

शारदीय नवरात्रि के मौके पर वैष्णों देवी के दर्शन के लिए भक्तों की काफी भीड़ देखने को मिली। कोरोना के दो साल बाद जम्मू संभाग के धार्मिक पर्यटन और पर्यटन स्थलों पर यात्रियों के साथ पर्यटकों की संख्या भी बढ़ी थी। बता दें कि वैष्णों देवी को लेकर भक्तों में काफी श्रद्धा का भाव है। हर साल यहां लाखों में देवी भक्त माता वैष्णों के दर्शन करने आते हैं।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इंडिया टीवी इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)

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