चैत्र नवरात्रि की शुरुआत साल 2024 में 9 अप्रैल से होने जा रही है। नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना के साथ ही माता शैलपुत्री की पूजा की जाती है। पर्वतराज हिमालय के घर में इनका जन्म हुआ था इसलिए इन्हें शैलपुत्री कहा जाता है। नवरात्रि के दौरान व्रत रखने से तो माता आशीर्वाद देती ही हैं, लेकिन जो लोग विधिवत व्रत नहीं ले पा रहे हैं वो माता के मंत्रों का जप करके भी आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। आज हम माता शैलपुत्री के ऐसे ही कुछ मंत्रों के बारे में आपको बताएंगे जिनका जप करना व्रत रखने वालों के लिए भी और व्रत न रखने वालों के लिए भी बेहद शुभ-फलदायी साबित हो सकता है।
माता शैलपुत्री को इन मंत्रों से करें प्रसन्न
नवरात्रि के पहले दिन आपको माता शैलपुत्री के नीचे दिये हुए मंत्रों का जप करना चाहिए।
1. या देवी सर्वभूतेषु मां शैलपुत्री रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
माता के इस मंत्र का आपको कम-से-कम 11 बार जप करना चाहिए। इस मंत्र का जप करके आप माता की वंदना करते हैं।
2. ऊँ शं शैलपुत्री देव्यै: नम:।
इस मंत्र का 108 बार जप करने से माता की कृपा आपको प्राप्त होती है, और माता की कृपा से आपके जीवन की विघ्न-बाधाओं का अंत होता है।
3. प्रथम दुर्गा त्वहिभवसागर तारणीम्। धन ऐश्वर्य दायिनी शैलपुत्रीप्रणमाभ्यहम्॥
त्रिलोकजननींत्वंहिपरमानंद प्रदीयनाम्। सौभाग्यारोग्यदायनीशैलपुत्रीप्रणमाभ्यहम्॥
चराचरेश्वरीत्वंहिमहामोह विनाशिन। भुक्ति, मुक्ति दायनी,शैलपुत्रीप्रणमाभ्यहम्॥
चराचरेश्वरीत्वंहिमहामोह विनाशिन। भुक्ति, मुक्ति दायिनी शैलपुत्रीप्रणमाभ्यहम्॥
ये माता शैलपुत्री देवी स्तोत्र है। इस स्तोत्र का पाठ करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है और माता की कृपा से धन, वैभव की प्राप्ति होती है। आर्थिक समस्याओं को दूर करने के लिए नवरात्रि के पहले दिन इस स्तोत्र का पाठ आपको अवश्य करना चाहिए।
4. ह्रीं शिवायै नम:।
ये माता शैलपुत्री का बीज मंत्र है, इस मंत्र का जप करने से आपको आध्यात्मिक बल और मानसिक शांति की प्राप्ति होती है।
5. वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥
माता के इस मंत्र को निरंतर जपने से भक्तों को मनोवांछित परिणाम प्राप्त होते हैं और जीवन के हर क्षेत्र में वो सफल होते हैं।
मंत्र जप में रखें इस बात का ख्याल
माता शैलपुत्री के इन मंत्रों का जप अगर आप नवरात्रि के पहले दिन करते हैं तो माता की कृपा आप पर बरसती है। आप बिना व्रत रखे भी इन मंत्रों के जप से माता की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। हालांकि मंत्र जप करते समय इस बात का ध्यान रखें कि मंत्र का उच्चारण सही तरीके से करें। माता का जो भी मंत्र आपको सहज लगे, जिसका उच्चारण आप सही तरीके से कर सकें उसी का आप कम से कम 108 बार जप कर सकते हैं। इसके साथ ही मंत्र जप से पहले घर में मंदिर में दीपक जलाएं और इसके बाद मंदिर के पास ही या फिर किसी भी एकांत जगह पर बैठकर आप मंत्र जप कर सकते हैं।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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