नवरात्रि के तीसरे दिन देवी चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। साल 2024 में 11 अप्रैल के दिन माता दूर्गा के तीसरे स्वरूप माता चंद्रघंटा की उपासना की जाएगी। माता चंद्रघंटा भक्तों के जीवन में आ रही सभी बाधाओं को दूर करने वाली मानी जाती हैं। माना जाता है जो भी व्यक्ति माता की पूजा करता है उसे भय और रोगों से मुक्ति मिलती है। नवरात्रि के तीसरे दिन किन मंत्रों का जप करके आप माता चंद्रघंटा को प्रसन्न कर सकते हैं इसके बारे में आज हम आपको जानकारी देंगे।
माता चंद्रघंटा को इन मंत्रों से करें प्रसन्न
नवरात्रि के तीसरे दिन आपको स्नान आदि के बाद घर के मंदिर में दीपक जलाकर, मंत्रों का जप करना चाहिए। ये मंत्र नीचे दिए गए हैं।
1. या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
ये माता चंद्रघंटा का वंदना मंत्र है। इस मंत्र का कम-से-कम आपको 11 बार जप अवश्य करना चाहिए। इस मंत्र से माता की वंदना करने के पश्चात आपको माता के अन्य मंत्रों का जप करना चाहिए।
2. ॐ देवी चन्द्रघण्टायै नमः॥
माता चंद्रघंटा के इस मंत्र को बहुत प्रभावशाली माना गया है, इस मंत्र का जप करने से शारीरिक और मानिसक परेशानियों से आपको छुटकारा मिलता है साथ ही परमपद की आपको प्राप्ति होती है।
3. ऐं श्रीं शक्तयै नम:
ये माता चंद्रघंटा का बीज मंत्र है। इस मंत्र का कम-से-कम आपको 108 बार जप करना चाहिए। इस मंत्र का जप करने से आपको समस्त दुखों से मुक्ति मिलती है और माता के आशीर्वाद से आप शांति का अनुभव प्राप्त करते हैं। शास्त्रों के अनुसार इस मंत्र का जप आपमें आत्मविश्वास भी भरता है।
इन मंत्रों के जप के अलावा आप दुर्गा सप्तशती का पाठ भी कर सकते हैं। मंत्र जप के बाद अंत में आपको माता की आरती करनी चाहिए।
माता चंद्रघंटा की मंत्र जप से पूजा का लाभ
नवरात्रि के तीसरे दिन अगर आप मंत्र जप से माता चंद्रघंटा की पूजा करते हैं तो आपको दिव्यता प्राप्त होती है। माता के मंत्रों के जप से आपमें नई ऊर्जा का संचार होता है और साथ ही आत्मविश्वास में भी वृद्धि होती है। अगर आपको लगता है कि आपके अंदर या आपके घर में किसी तरह की नकारात्मक ऊर्जा है, तो चंद्रघंटा माता के मंत्रों के जप से वो भी दूर हो जाती है। माता दुर्गा के चंद्रघंटा रूप की पूजा करने से परिवार में भी सुख-समृद्धि आती है।
हिंदू धर्म में मंत्र का महत्व
हिंदू धर्म में मंत्र जप को शुभ फलदायक माना गया है। अगर आप मंत्रों का जप करते हैं तो सकारात्मक ऊर्जा का आपमें संचार होता है। साथ ही मंत्रों के जप से आपका आभामंडल भी प्रभावशाली बन जाता है। मंत्र आत्मा की शुद्धि और शरीर के बल में भी वृद्धि करने वाले माने जाते हैं। इसलिए अगर आप नवरात्रि के दौरान पूजा या व्रत ना भी रख पाएं तो आपको मंत्रों का जप अवश्य करना चाहिए।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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