Thursday, November 21, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. धर्म
  3. त्योहार
  4. Chaitra Navratri 2024: जानें कैसे हुई थी नवरात्रि की शुरुआत, सबसे पहले इस राजा ने रखा था 9 दिनों का व्रत

Chaitra Navratri 2024: जानें कैसे हुई थी नवरात्रि की शुरुआत, सबसे पहले इस राजा ने रखा था 9 दिनों का व्रत

Chaitra Navratri 2024: नवरात्रि के 9 दिनों में माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि, सबसे पहले नवरात्रि के व्रत किसने रखे थे ? अगर नहीं तो हमारे लेख में जानें विस्तार से।

Written By: Naveen Khantwal
Updated on: March 29, 2024 10:24 IST
Navratri story- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Navratri story

नवरात्रि में माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। शक्ति स्वरूपा माता दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए साल में दो बार शारदीय और चैत्र नवरात्रि के दौरान भक्त माता की उपासना करते हैं। नवरात्रि में माता की आराधना करने का विधान सदियों से चला आ रहा है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि सबसे पहले नवरात्रि में 9 दिनों तक व्रत किसने रखे थे ? कैसे नवरात्रि की शुरुआत हुई थी? अगर नहीं तो, आज हम आपको बताएंगे कि नवरात्रि की शुरुआत कैसे हुई थी और सबसे पहले किसने नवरात्रि के व्रत रखे थे। 

ऐसे हुई थी नवरात्रि की शुरुआत

माता दुर्गा स्वयं शक्ति स्वरूपा हैं और नवरात्रि में भक्त आध्यात्मिक बल, सुख-समृद्धि की कामना के साथ इनकी उपासना करते हैं। नवरात्रि की शुरुआत जिनके द्वारा हुई थी उन्होंने भी माता से आध्यात्मिक बल और विजय की कामना की थी। वाल्मीकि रामायण में वर्णित है कि, किष्किंधा के पास ऋष्यमूक पर्वत पर लंका पर चढ़ाई से पहले भगवान राम ने माता दुर्गा की उपासना की थी। ब्रह्मा जी ने श्री राम को माता दुर्गा के स्वरूप, चंडी देवी की पूजा करने की सलाह दी थी। ब्रह्मा जी की सलाह पाकर भगवान राम ने प्रतिपदा तिथि से नवमी तिथि तक चंडी देवी का पाठ किया था।

भगवान राम को मिला माता का आशीर्वाद

बह्मा जी ने चंडी पाठ के साथ ही राम जी को यह भी बताया कि, पूजा सफल तभी होगी जब चंडी पूजन और हवन के बाद 108 नील कमल भी अर्पित किये जाएंगे। ये नील कमल अतिदुर्लभ माने जाते हैं। राम जी को अपनी सेना की मदद से ये 108 नील कमल तो मिल गये, लेकिन जब रावण को ये बात पता लगी तो उसने अपनी मायावी शक्ति से एक नील कमल गायब कर दिया। चंडी पूजन के अंत में भगवान राम ने जब कमल के पुष्प चढ़ाए तो एक कमल कम निकला। ये देखकर वो चिंतित हुए, लेकिन अंत में उन्होंने कमल की जगह अपनी एक आंख माता चंढी पर अर्पित करने का फैसला लिया। अपने नयन अर्पित करने के लिए जैसे ही उन्होंने तीर उठाया तभी माता चंडी प्रकट हुईं। माता चंडी उनकी भक्ति से प्रसन्न हुईं और उन्हें विजय का आशीर्वाद दिया। 

प्रतिपदा से लेकर नवमी तक माता चंडी को प्रसन्न करने के लिए श्री राम ने अन्न जल भी ग्रहण नहीं किया था।  नौ दिनों तक माता दुर्गा के स्वरूप चंडी देवी की पूजा करने के बाद भगवान राम को रावण पर विजय प्राप्त हुई। ऐसा माना जाता है कि तभी से नवरात्रि की शुरुआत हुई, और भगवान राम नवरात्रि के 9 दिनों तक व्रत रखने वाले पहले राजा और पहले मनुष्य थे।  

चैत्र नवरात्रि 2024

साल 2024 में नवरात्रि की शुरुआत 9 अप्रैल से होने वाली है। माता की कृपा प्राप्त करने के लिए भक्तों द्वारा लिये जाने वाले ये व्रत बेहद शुभ फलदायी माने जाते हैं। श्रद्धापूर्वक माता की उपासना करने से जीवन के सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है।  

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

ये भी पढ़ें-

Vastu Tips: क्या होता है ईशान कोण, इस दिशा में पूजा करना क्यों है लाभकारी ?

Papmochani Ekadashi 2024: सभी कष्टों का निदान करेगी पापमोचिनी एकादशी, अगर इस विधि से करेंगे विष्णु जी की पूजा

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Festivals News in Hindi के लिए क्लिक करें धर्म सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement