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Shiv Tandav Stotram: आखिर कैसे हुई शिव तांडव स्त्रोत की रचना? स्तुति करने से मिलते हैं ये 5 बड़े लाभ

आज सोमवार का दिन महादेव की असीम कृपा पाने के लिए उत्तम माना जाता है। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए उनके निमित्त कई पूजा-पाठ शास्त्रों में बताए गए हैं। लेकिन आज हम आपको बताएंगे शिव तांडव स्त्रोत से जुड़ी एक अद्भुत कथा। साथ ही जानेंगे आखिर कैसे हुई शिव तांडव स्त्रोत की रचना और क्या हैं इसके लाभ।

Written By: Aditya Mehrotra
Updated on: February 12, 2024 11:05 IST
Shiv Tandav Stotram- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Shiv Tandav Stotram

Shiv Tandav Stotra: देवों के देव महादेव सभी के इष्ट हैं, चाहें वह देव हो या दानव हर किसी पर उनकी कृपा बरसती है। यहां तक कि रावण जैसा अहंकारी भी शिव भक्तों की सूची में गिना जाता था। क्या आप जानते हैं भोलेनाथ के सबसे लोकप्रिय स्तुति शिव तांडव स्त्रोत की रचना कैसे हुई और क्या है इसकी रचना के पीछे की पूरी घटना? आज हम आपको इसके पीछे की पौराणिक कथा बताने जा रहे हैं और साथ ही बताएंगे इस स्त्रोत का पाठ करने से क्या लाभ मिलता है।

शिव तांडव स्त्रोत की रचना से जुड़ी पौराणिक कथा 

यह तो आप सभी जानते होंगे कि रावण भगवान शिव की आराधना करता था और उन्हें अपना गुरु भी मानता था। पौराणिक कथा के अनुसार एक बार रावण ने सोचा की क्यों न भोलेनाथ को कैलाश पर्वत सहित उठा कर अपने सोने की लंका में ले आया जाए।  जब रावण अपने अहंकार से लिप्त कैलाश पर्वत की ओर बड़ा, तो उनको शिव जी के वाहन नंदी ने रोका और कहां की रावण आप कैलाश की सीमा को पार नहीं कर सकते क्योंकि प्रभु अपनी तपस्या में लीन हैं और उनकी तपस्या में आप विघ्न डालने का प्रयास न करें। इतने में रावण को क्रोध आया और उसने वह सीमा लांघ दी और अपने बल के प्रयोग से कैलाश पर्वत को जैसे ही उठाने चला भगवान शिव ने कैलाश को अपने पैर के एक अंगूठे से दबा दिया और रावण शरीर सहित उस कैलाश पर्वत के नीच दब गया। तब उसने शिव जी को प्रसन्न करने के लिए स्तुति की उस स्तुति से शिव जी प्रसन्न हुए और रावण को मुक्त किया।

रावण ने जो स्तुति कि वह शिव तांडव स्त्रोत के नाम से जानी गई। इस स्तुति का वर्णन वाल्मिकी रामायण में भी देखने को मिलता है। इस प्रकार शिव तांडव स्त्रोत की रचना रावण द्वारा हुई।

शिव तांडव स्त्रोत का नित्य पाठ करने मिलते हैं ये 5 बड़े लाभ 

  1. शिव तांडव स्त्रोत का सोमवार के दिन पाठ करने से महादेव की असीम कृपा प्राप्त होती है और जीवन की सभी परेशानियों का अंत होता है।
  2. यदि किसी कार्य में बार-बार रुकावटें आ रही हैं और सफलता हाथ नहीं लग रही, तो यह स्त्रोत का नित्य पाठ करने से हर कार्य सफलता पूर्वक पूर्ण हो जाता है।
  3. मान्यता है कि जिन लोगों का आत्मबल कमजोर होता है, यदि वह शिव तांडव स्त्रोत का पाठ नित्य करते हैं तो उनको सकारात्मक परिणाम देखने को मिलता है और उनका मनोबल मजबूत होता है।
  4. इसी के साथ शिव तांडव स्त्रोत का नित्य नियम पूर्वक पाठ करने से जीवन का दुःख, चिंता, अनेक प्रकार का भय और ग्रह दोष से शीघ्र मुक्ति मिलती है और शिव कृपा बरसती है।
  5. शास्त्रों में बताया गया है कि शिव तांडव स्त्रोत का रोज पाठ करने से बड़े से बड़ा संकट टल जाता है।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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