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Margashirsha Amavasya 2023: साल 2023 की आखिरी अमावस्या कब है? यहां नोट करें सही डेट

साल 2023 और मार्गशीर्ष माह की आखिरी अमावस्या का हिंदू धर्म में बहुत बड़ा महत्व है। यह अमावस्या समस्त पापों को तारने वाली है। मार्गशीर्ष मास की अमावस्या में स्नान-दान, जप, तप और पितरों को तर्पण देने का महत्व है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि साल 2023 की आखिरी मार्गशीर्ष की अमावस्या कब है।

Written By: Aditya Mehrotra
Updated on: December 11, 2023 7:38 IST
Margashirsha Amavasya 2023- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Margashirsha Amavasya 2023

Margashirsha Amavasya 2023: हिंदू धर्म में प्रत्येक महीना और उसकी तिथि का अपना एक विशेष महत्व होता है। यह मार्गशीर्ष का महीना चल रहा है इस महीने की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि अपने आप में बहुत विशेष महत्व रखती है। शास्त्रों में जितना महत्व पूर्णिमा के दिन को बताया है उतनी ही महत्व अमावस्या तिथि का भी होता है।

स्नान, दान-पुण्य, जप और तप से भी ज्यादा महत्व अमावस्या तिथि में पितृों के निमित्त किए जाने वाले तर्पण को सर्वाधिक श्रेष्ठ माना गया है। महीने की अमावस्या तिथि या पितृ पक्ष का दिन ही सिर्फ पितृों को समर्पित होता है। आइए जानते हैं साल 2023 और मार्गशीर्ष मास की आखिरी अमावस्या तिथि कब पड़ रही है और क्या है इसका शुभ मुहूर्त।

मार्गशीर्ष माह की अमावस्या तिथि मुहूर्त

  • मार्गशीर्ष मास कृष्ण पक्ष अमावस्या तिथि- 12 दिसंबर 2023 दिन मंगलवार।
  • मार्गशीर्ष मास  की अमावस्या तिथि प्रारंभ- 12 दिसंबर 2023 सुबह 6 बजकर 24 मिनट से शुरू।
  • मार्गशीर्ष मास  की अमावस्या तिथि समापन- 13 दिसंबर 2023 दिन बुधवार सुबह 5 बजकर 1 मिनट पर समाप्ति।

मार्गशीर्ष अमावस्या में क्या करें

  • मार्गशीर्ष अमावास्या में प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में उठ कर स्नान करना शुभ माना जाता है।
  • यदि आप अपने पूर्वजों को कुछ भेंट करना चाहते हैं तो अमावस्या तिथि को शास्त्रों में पितृों की शांति के लिए सबसे उत्तम बताया गया है।
  • अमावस्या तिथि में पितृों को जल से तर्पण देना चाहिए जिससे वह प्रसन्न हो कर आशीर्वाद देते हैं।
  • मान्यता है कि इस दिन मंत्र जाप सिद्धि, दान और तीर्थ स्नान ऐसे पुण्यकारी कर्म करने से उसका कई गुना अधिक फल प्राप्त होता है।
  • इस दिन भूल से भी मास-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए ऐसा करने से पाप लगता है।
  • पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए अमावस्या के दिन अपने पितृों को जल अर्पित करना चाहिए और उनके निमित्त किसी ब्राह्मणों को दान दक्षिणा देना चाहिए जिससे उनकी पारलौकिक यात्रा सुगम हो।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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