December Last Ekadashi: हिंदू धर्म में सब तिथियों में से एकादशी तिथि जितनी भगवान विष्णु को प्रिय है उतना ही उनके भक्तों को भी। इस एकादशी का व्रत बुहत पुण्यदायी माना जाता है। शास्त्रों में व्रत की महिमा के बारे में इतनी सारी बातें कही गई हैं कि उसे पढ़ने बैठेंगे तो उसके शुभ फलों को पढ़ते ही रह जाएंगे। अब बात करते हैं कि साल भर में पड़ने वाली एकादशी तिथियों कि तो आपको बता दें। वैदिक पंचांग के अनुसार पूरे साल लगभग 24 एकादशी पड़ती हैं।
यह एकादशी 15-15 दिनों में एक महीने के अंदर आती हैं। किसी भी महीने की शुक्ल पक्ष के 11वें दिन को एक एकादशी तिथि और कृष्ण पक्ष के 11वें दिन को दूसरी एकादशी तिथि पड़ती है। इस लिहाज से यहा पूरी 24 एकादशी साल की बनती है। वैष्णव संप्रदाय के लोग इस तिथि में अपनी विशेष आस्था रखते हैं। भगवान विष्णु उन भक्तों से शीघ्र प्रसन्न होते हैं जो नियमित रूप से इस एकादशी का व्रत रखते आ रहे हैं। अब बात करते हैं वर्ष 2023 की आखिरी एकादशी तिथि कब पड़ रही है।
साल 2023 की पहली एकादशी
साल 2023 के जाते-जाते दो एकादशी तिथियों पड़ेंगी पहली एकदशी तिथि 8 दिसंबर 2023 दन शुक्रवार को है। जिसे उत्पन्ना एकादशी तिथि कहा जाता है। इसके व्रत का पारण 9 दिसंबर 2023 के दिन शनिवार को सुबह 7 बजकर 3 मिनट से 7 बजकर 13 मिनट का रहेगा। दरअसल इसी एकादशी से ही इस व्रत कि शुरुआत हुई थी।
नोट कर लें साल 2023 की आखिरी एकादशी की डेट
साल 2023 की आखिर एकादशी तिथि 22 दिसंबर 2023 दिन शुक्रवार को है। इस एकादशी को मोक्षदा एकादशी कहते हैं। जिसका व्रत इस बार 22 दिसंबर 2023 दिन शुक्रवार को रखा जाएगा और इसका पारण अगले दिन यानी 23 दिसंबर 2023 को शनिवार के दिन दोपहर 1 बजकर 22 मिनट से 3 बजकर 26 मिनट तक के लिए रहेगा। वहीं 23 दिसंबर 2023 दिन शनिवार को गौण एकादशी का व्रत रखने वालों के लिए पारण का दिन 24 दिसंबर 2023 दिन रविवार को सुबह 7 बजकर 11 मिनट से लेकर 9 बजकर 15 मिनट तक रहेगा। जब एकादशी तिथि का व्रत दो दिन के लिए लगातार होता है तो पहला एकादशी व्रत स्मार्त परिवारजनों को रखना चाहिए वहीं दुसरी एकादशी का व्रत सन्यासियों और मोक्ष प्राप्ति के इच्छुक लोगों के लिए होता है।
22 दिसंबर 2023 मोक्षदा एकादशी तिथि मुहूर्त
- एकादशी तिथि प्रारंभ - 22 दिसंबर 2023 दिन शुक्रवार सुबह 08 बजकर 16 मिनट से शुरू।
- एकादशी तिथि समाप्त -23 दिसंबर 2023 दिन शनिवार को सुबह 07 बजकर 11 मिनट पर समापन।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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