Ganesha Jayanti 2024: यह माघ का महीना चल रहा है इस माह में गणेश जयंती का पावन पर्व भी मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार यह पर्व प्रत्येक वर्ष माघ के महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन मनाया जाता है। गणेश जयंती के अलावा इसे विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। तिथियों की बात करें तो श्री गणेश की सबसे प्रिय तिथि चतुर्थी है इसलिए यह तिथि इनके नाम से ही संबोधित होती है जिसे हम विनायक चतुर्थी या गणेश चतुर्थी के नाम से जानते हैं।
सनातन संस्कृति में किसी भी अनुष्ठान या पूजा से पूर्व गणेश जी की वंदना करने का विधान हैं। इन्हें देवताओं में प्रथम पूज्यनीय देव कहा जाता है। मान्यता है कि गणेश जयंती के दिन व्रत रखने और श्री गणेश की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति के सभी मनोरथ गणपति भगवान के आशीर्वाद से पूरे होते हैं और जीवन भर धन-संपदा बनी रहती है। आइए हिंदू पंचांग के अनुसार जानते हैं इस बार कब माघ माह की गणेश जयंती कब मनाई जाएगी, क्या रहेगा पूजा का शुभ मुहूर्त और इसकी विधि।
माघ माह गणेश जयंती शुभ मुहूर्त
- गणेश जयंती- 13 फरवरी 2024 दिन मंगलवार
- माघ माह शुक्ल पक्ष चतुर्थी तिथि प्रारंभ- 12 फरवरी 2024 दिन सोमवार शाम 5 बजकर 44 मिनट से शुरू।
- माघ माह शुक्ल पक्ष चतुर्थी तिथि समापन- 13 फरवरी 2024 दिन मंगलवार दोपहर 2 बजकर 41 मिनट पर समाप्ति।
- मध्याह्न पूजा का मुहूर्त- 13 फरवरी 2024 दिन मंगलवार दोपहर से पहले 11 बजकर 29 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 42 मिनट तक।
- पूजा की कुल अवधि- 2 घंटे 14 मिनट तक।
श्री गणेश जयंती पूजा विधि
- माघ की गणेश जयंती वाले दिन प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में जल्दी उठें, स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- भगवान गणेश की पूजा करने से पहले पूजा घर में एक चौकी पर गणेश जी की मूर्ति को स्थापित करें।
- गजानन की वंदना से पश्चात आप एक हाथ में जल लेकर पूजा के अनुष्ठान का संकल्प लेंकर ही पूजा को प्रारंभ करें।
- पूजा का संकल्प लेने के बाद आप भगवान के होथ जोड़ कर प्रणाम करें। इसके बाद आप उनको को दूर्वा, फल, फूल, मेवा,अक्षत, नैवेद्य मोदक आदि पूजन सामग्री श्रद्धानुसार अर्पित कर दें।
- गणपति भगवान को पूजा सामग्री चढ़ाने के बाद आप, कपूर लें और उसको जलाकर उनकी आरती कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
- इस दिन आप चाहें तो श्री गणेश की असीम कृपा पाने के लिए गणेश जी की स्तुति या उनका कोई पाठ कर सकते हैं।
- श्री गणेश की पूजा का समापन करने से पहले आप उनको मेवे-मिष्ठान का भोग लगाने के बाद उसे परिवार और आस पास के लोगों में अपने सामर्थ अनुसार वितरित करें और अंत में भगवान को दंडवत प्रणाम कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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