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Dattatreya Jayanti 2023: कब मनाई जाएगी भगवान दत्तात्रेय की जयंती? जान लीजिए क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त

प्रत्येक वर्ष मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन भगवान दत्तात्रेय की जयंती मनाई जाती है। भगवान दत्तात्रेय की पूजा से त्रिदेवों की आराधना के समान फल मिलता है। आइए जानते हैं आखिर कौन हैं भगवान दत्तात्रेय और कब मनाई जाएगी इनकी जयंती।

Written By: Aditya Mehrotra
Updated on: December 23, 2023 17:14 IST
Dattatreya Jayanti 2024- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Dattatreya Jayanti 2024

Dattatreya Jayanti 2023: हिंदू धर्म के अनुसार हर साल मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन भगवान दत्तात्रेय की जयंती मनाई जाती है। भगवान दत्तात्रेय को ब्रह्मा, विष्णु और महेश का अंश अवतार माना जात है। मार्गशीर्ष मास में पड़ने वाली पूर्णिमा तिथि के दिन भगवान दत्तात्रेय का जन्म हुआ था। इस दिन इनकी पूजा करने का विशेष विधान है।

मान्यता है कि दत्तात्रेय भगवान की पूजा करने से ब्रह्मा, विष्णु और महेश की आराधाना के समान फल मिलता है। इस बार मार्गशीर्ष का माह में दत्तात्रेय जयंती कब मनाई जाएगी और क्या है इनकी पूजा का शुभ मुहूर्त आज हम आपको यही बताने जा रहे हैं।

दत्तात्रेय जयंती पूजा का शुभ मुहूर्त

  • दत्तात्रेय जयंती- 26 दिसंबर 2023 दिन मंगलवार 
  • पूर्णिमा तिथि प्रारंभ- 26 दिसंबर 2023 दिन मंगलवार को सुबह 5 बजकर 46 मिनट पर शुरू।
  • पूर्णिमा तिथि समापन- 27 दिसंबर 2023 दिन बुधवार को सुबह 6 बजकर 2 मिनट पर समाप्ति।
  • प्रातः पूजा का शुभ मुहूर्त- 26 दिसंबर 2023 दिन मंगलवार सुबह 9 बजकर 46 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 21 मिनट तक।
  • दोपहर पूजा का शुभ मुहूर्त- 26 दिसंबर 2023 दिन मंगलवार दोपहर 12 बजकर 21 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 39 मिनट तक।
  • संध्या पूजा का शुभ मुहूर्त- 26 दिसंबर 2023 दिन मंगलवार शाम 7 बजकर 14 मिनट से लिकर रात्रि 8 बजे तक।

दत्तात्रेय जयंती महत्व

भगवान दत्तात्रेय में त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु और महेश समाहित हैं। यह महर्षि अत्रि और अनुसूया देवी के पुत्र हैं। भगवान दत्तात्रेय में गुरु और ईश्वर दोनों का ही स्वरूप विद्यमान है। इनके तीन मुख और छह हाथ हैं। भगवान दत्तात्रेय ने अपने 24 गुरु बनाए थे। इनकी पूजा मात्र से त्रिदेवों( ब्रह्मा, विष्णु और महेश) की वंदना के समान फल मिल जाता है। भगवान दत्तात्रेय के जो भक्त उनकी जयंती पर विशेष अराधना करते हैं उन्हें अथाह ज्ञान की प्राप्ति होती है और जीवन जीने का सही मार्गदर्शन भी मिलता है। मान्यता है कि इन्होंने परशुराम जी को श्रीविद्या का मंत्र सिखाया था।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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