Sunday, December 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. धर्म
  3. त्योहार
  4. Vaikuntha Chaturdashi 2023: 25 नवंबर को मनाई जाएगी बैकुंठ चतुर्दशी, खुल जाते हैं इस दिन स्वर्ग के रास्ते, नोट करें पूजा मुहूर्त

Vaikuntha Chaturdashi 2023: 25 नवंबर को मनाई जाएगी बैकुंठ चतुर्दशी, खुल जाते हैं इस दिन स्वर्ग के रास्ते, नोट करें पूजा मुहूर्त

कार्तिक मास विष्णु प्रिय भक्तों के लिए सबसे ज्यादा महत्व रखता है। इस महीने में भगवान विष्णु की काफी सारी लीलाएं हुई हैं। कार्तिक की बैकुंठ चतुरर्दशी से भी भगवान नारायण का नाता है। आइए जानते हैं कल मनाई जाने वाली बैकुंठ चतुर्दशी का पूजा मुहूर्त और इसके महत्व के बारे में।

Written By: Aditya Mehrotra
Published : Nov 24, 2023 17:00 IST, Updated : Nov 24, 2023 17:04 IST
Vaikuntha Chaturdashi 2023
Image Source : INDIA TV Vaikuntha Chaturdashi 2023

Vaikuntha Chaturdashi 2023: सनातन धर्म में भगवान विष्णु की अद्भुत लीलाओं को कौन नहीं जानता है। पुराण पुरुष श्री हरि नारायण को समर्पित कार्तिक का यह पावन महीना अब अंतिम चरण में आ चला है। शास्त्रों में वर्णित है कि जिसने भी इस महीने भगवान विष्णु की सच्चे भक्ति भाव से आराधना कर ली। उसके वर्तमान जीवन और मरण तक का दायित्व भगवान विष्णु स्वीकार कर लेते हैं।

इस महीने का एक विशेष दिन है। जिसे कार्तिक मास की बैकुंठ चतुर्दशी कहते हैं। इस दिन माना जाता है कि भगवान विष्णु के परम धाम का द्वार खुला रहता है। बैकुंठ चतुर्दशी के दिन विधि पूर्वक पूजा अर्चना करने से शुभ फलों की प्राप्ति तो होती ही है। साथ ही श्री नारायण उस पर जीवन परियंत अपनी कृपा बरसा देते हैं। आइए जानते हैं इस बार बैकुंठ चतुर्दशी कब है और क्या है इसकी पूजा विधि।

बैकुंठ चतुर्दशी का शुभ मुहूर्त

  • बैकुंठ चतुर्दशी का दिन- 25 नवंबर 2023 दिन शनिवार।
  • बैकुंठ चतुर्दशी का मुहूर्त - 25 नवंबर 2023 दिन शनिवार निशिताकाल में रात्रि 11 बजकर 41 मिनट से 26 नवंबर 2023 दिन रविवार रात्रि 12 बजकर 35 मिनट तक।
  • बैकुंठ चतुर्दशी मुहूर्त की कुल अवधि - 54 मिनट तक। इस मुहूर्त काल में तीर्थ घाट पर पवित्र नदी के किनार दीपदान किसी भी समय करना सबसे शुभ माना जाता है।
  • बैकुंठ चतुर्दशी प्रारंभ का समय - 25 नवंबर 2023 दिन शनिवार शाम 5 बजकर 22 मिनट से शुरू।
  • बैकुंठ चतुर्दशी समाप्ति का समय - 26 नवंबर 2023 दिन रविवार को रात्रि 3 बजकर 53 मिनट तक।

बैकुंठ चतुर्दशी का विशेष महत्व

शिव पुराण के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु काशी में भगवान शिव की आराधना करने के लिए गए थे। जब उन्होनें भगवान शिव की पूजा करना शुरू किया। तो उसमें एक हजार कमल भोलेनाथ को अर्पित करने थे। श्री हरि ने एक कमल कम पाया तो उन्होनें महादेव की भक्ति में अपने कमल समान नेत्रों को निकाल कर पूरे एक हाजार कमल भोलेनाथ को अर्पित कर दिए। हृदय विदारक यह भक्ति देख भगवान शिव ने श्री हरि को प्रणाम कर उन्हें प्रेम पूर्वक अपने हृदय से लगाया और उन्हें अपना सुदर्शन चक्र दे दिया जो भगवान विष्णु का सबसे शक्तिशाली अस्त्र बना। इस दिन हिर-हर मिलन हुआ था। 

बैकुंठ चतुर्दशी की पूजा विधि

  • बैकुंठ चतुर्दशी के दिन निशिताकाल यानी मध्य रात्रि के समय भगवान नारायण और भोलेनाथ की प्रतिमा रख कर उन्हें एक हजार कमल के फूल अर्पित करना चाहिए।
  • उसके बाद भगवान शिव और विष्णु जी की पूजा करनी चाहिए।
  • भगवान विष्णु का शिव के प्रति समर्पण और शिव का विष्णु जी के प्रति समर्पण के ही कारण शास्त्रों में यह बताया गया है कि इन दोनों के बीच कोई भी भेद नहीं करना चाहिए। दोनों एक समान हैं। यह सोच कर इन दोनों देवताओं की पूजा अर्चना करनी चाहिए। बैकुंठ चतुर्दशी के दिन दोनों की पूजा श्रद्धा पूर्वक करनी चाहिए।
  • सिर्फ बैकुंठ चतुर्दशी की पूजा में शिव जी को तुलसी अर्पित और भगवान विष्णु को बेल पत्र अर्पित करना चाहिए। क्योंकि इन दोनों ने एक दूसरे को इस दिन ही यह पावन वृक्षों की पत्तियां अर्पित की थीं।
  • इसी के साथ दोनों देवताओं को दीपदान भी करना बेहद शुभ होता है। आप चाहें तो तीर्थ घाट के समीप दीप दान कर सकते हैं।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

ये भी पढ़ें-

Tulsi Vivah 2023: वो जगह जहां देवी वृंदा ने भगवान विष्णु को श्राप से किया था मुक्त, जानिए फिर कैसे बन गईं तुलसी

Guru Tegh Bahadur Shaheedi Diwas 2023: ...जब धर्म की रक्षा के लिए शहीद हो गए थे सिखों के 9वें गुरु, पढ़ें गुरु तेग बहादुर की शौर्य गाथा

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Festivals News in Hindi के लिए क्लिक करें धर्म सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement