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Diwali 2023: दिवाली पर कब और कितने दीये जलाए जाते हैं? ये हैं इनके नियम

दीपावली का पर्व इस साल 12 नवंबर 2023 को मनाया जाएगा। इस पर्व पर दीये जलाने का बड़ा विशेष महत्व होता है। जहां एक तरफ कार्तिक की घनी अमावस्या होती है। वहीं इस दिन दीप जलानें की परंपरा है। ऐसे में एक महत्वपूर्ण बात यह है कि दीपावली पर आखिर कितने दिये जालाएं और कहां-कहां उन्हें रखें।

Written By: Aditya Mehrotra
Published : Nov 03, 2023 16:12 IST, Updated : Nov 03, 2023 16:12 IST
Diwali 2023
Image Source : INDIA TV Diwali 2023

Diwali 2023: दीपावली का त्यौहार संपूर्ण भारत में मनाया जाने वाला त्यौहार है। यह पर्व कार्तिक मास की अमावस्या के दिन हर साल मनाया जाता है। कहते हैं कि कार्तिक मास की अमावस्या सबसे घनी अमावस्या होती है। जब भगवान राम चौदह वर्ष का वनवास पूर्ण करने के बाद अयोध्या नगरी पधारे थे तब अयोध्यावासियों उनके स्वागत में अयोध्या नगरी को दीपों से सजा दिया था। उस समय अयोध्या नगरी दीपों के प्रकाश से चमक उठी थी।

दीप प्रज्जवलित करने की इस परंपरा को देखते हुए इस पर्व का नाम दीपावली पड़ गया। इस दिन लोग अपने घरों में दीप जलाते हैं। लेकिन एक सवाल जो हम सभी के मन में उठता है वह ये है कि आखिर दीपावली पर कितने दीप जलाने चाहिए। आइये जानते हैं कि दीपावली पर कितने और कब-कब दीपक जलाना शुभ माना जाता है।

पहला दीपक देव यमराज को करें समर्पित

दीपावली का पहला दिया धनतेरस के दिन जलाया जाता है। यह दीपक यम दीपक कहलाता है। मृत्यु के देवता यमराज के लिए इस दिन यम दीपक जलाया जाता है। धनतेरत के दिन शाम को सूर्यास्त के बाद घर के मुख्य प्रवेश द्वार के बाहर दक्षिण दिशा में यह दीपक जलाया जाता है। मान्यता है कि यम देव को दीपदान करने से परिवार में किसी की आकाल मृत्यु नहीं होती है। यम दीपक को घर के बाहर दक्षिण दिशा में जलाना चाहिए। दिया माटी से बना होना चाहिए और उसमे सरसों का तेल डालकर ही दीप दान करें। दीपदान करने के बाद घर के बाहर किसी भी सदस्य को उस दिन नहीं बाहर जाना चाहिए। 

दीपावली पर यहां जलाएं दिये

शास्त्रों में बताया गया है कि शुभ कार्यों में सदैव विषम संख्या में ही दीपक जलाना चाहिए जैसे की आप 5,7,9। दीपावली पर आप सरसों के तेल का दीपक जला सकते हैं। शास्त्रों के अनुसार मुख्य तौर पर 5 दीपक जलाना दीपावली पर अनिवार्य होता है। इनमें से 1 दिया घर के सबसे ऊंचे स्थान पर, दूसरा दिया घर के रसोई घर में, तीसरा दिया पीने के पानी के पास, चौथा पीपल के पैड़ के पास और पांचवा दिया घर के बार मुख्य प्रवेश द्वार पर जिसे यम दीपक भी कहा जाता है। 

दीये जालाने की संख्या

दीपावली दोपों का पर्व है ऐसे में दीपक जलाने की कोई सीमा नहीं है आप जितने चाहें उतने दीपक जला सकते हैं। परंतु शास्त्रों के अनुसार मुख्य 5 दीपक तो जलाना अनिवार्य है। विषम संख्या में आप जितने चाहें उतने दीये जला सकते हैं।

दीये जलाने का मंत्र

शुभं करोति कल्याणं आरोग्यम् धनसंपदा। शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपकाय नमोऽस्तु ते।।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। । इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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