कल 1 नवंबर को देश में करवा चौथ मनाया जाएगा। इस व्रत को महिलायें अपनी पतियों की लंबी उम्र और स्वास्थ की कामना करते हुए रखती हैं। महिलायें अखंड सौभाग्य के लिए इस दिन निर्जला व्रत रखती हैं और कुंवारी कन्याएं अच्छे वर के लिए भी यह व्रत रखती है। इस दिन सुहागिनें और चौथ माता की पूजा करती हैं। वैसे तो घर पर ही चौक बनाकर करवा चौथ माता की पूजा की जाती है। लेकिन राजस्थान में एक मंदिर ऐसा भी है जहां चौथ माता विराजमान हैं। ऐसे में कई सुहागिनें वहां जाकर करवा चौथ की पूजा करती हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर में करवा चौथ की पूजा करने से सुहागिन महिलाओं को अखंडवती होने का वरदान मिलता है। चलिए आपको बताते हैं कि राजस्थान में यह मंदिर कहा स्थित है।
बरवाड़ा में है चौथ माता का मंदिर
चौथ माता का मंदिर राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में स्थापित है। यहां के बरवाड़ा नाम के छोटे से स्थान पर ये मंदिर स्थित है। ये मंदिर एक ऊंची पहाड़ी पर स्थित है। मुख्य मंदिर तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को लगभग 700 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर में करवा चौथ की पूजा करने से सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्य होने का वरदान मिलता है।
राजस्थानी शैली में बना है यह मंदिर
इस मंदिर का निर्माण माता के परमभक्त राजा भीम सिंह चौहान ने की थी। ऐसा कहा जाता है वर्ष 1452 में इस मंदिर का पुर्नरोद्धार किया गया था। मंदिर पुरी तरह राजस्थानी शैली में बना है। वैसे तो हर चतुर्थी तिथि में यहां भक्त मां के दर्शन करने पहुंचते हैं लेकिन करवा चौथ के दिन यहां खास तौर पर भक्तों का तांत लगता है और हर कोई मां के दर्शन कर लंबी उम्र और उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता है।
(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।)
ये भी पढ़ें-
November 2023 Vrat Tyohar List: दिवाली से लेकर महापर्व छठ और कार्तिक पूर्णिमा तक, नवंबर में आएंगे ये प्रमुख त्यौहार और व्रत, यहां देखें फेस्टिवल कैलेंडर
Karwa Chauth 2023: करवा चौथ पर चांद का दीदार न हो तो कैसे करें व्रत का पारण, यहां जानिए कैसे होगी पूजा पूरी
Karwa Chauth 2023: करवा चौथ की पूजा के बाद जरूर पढ़ें वीरावती और 7 भाइयों वाली कथा, तभी मिलेगा व्रत का शुभ फल