Vinayak Chaturthi 2024: आज यानी 12 अप्रैल को विनायक चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा। प्रत्येक महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी व्रत करने का विधान है। नवरात्रि के दौरान पड़ने के कारण इस चतुर्थी व्रत का महत्व और भी बढ़ गया है। नवरात्र के दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों के साथ ही विभिन्न शक्तियों या देवी-देवताओं की उपासना का भी बड़ा महत्व होता है। लिहाजा आज श्री गणेश
भगवान की उपासना करना, उनके मंत्रों का जप करना आपके लिए बड़ा ही लाभकारी सिद्ध होगा।
विनायक चतुर्थी 2024 पूजा मुहूर्त
- चैत्र माह शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि आरंभ- 11 अप्रैल 2024 को दोपहर 03 बजकर 03 मिनट से
- चैत्र माह शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि समाप्त- 12 अप्रैल 2024 को दोपहर 01 बजकर 11 मिनट पर
- विनायक चतुर्थी 2024 व्रत तिथि- 12 अप्रैल 2024
- पूजा शुभ मुहूर्त- 12 अप्रैल 2024 को सुबह 11 बजकर 5 मिनट से दोपहर 1 बजकर 11 मिनट तक
अलग-अलग शुभ फलों के लिए गणेश जी के इन मंत्रों का करें जाप
1. आज भगवान गणेश की विधि पूर्वक पूजा करने के बाद भगवान श्री गणेश जी के वक्रतुण्डाय मंत्र का पुरस्चरण यानि की जप करना चाहिए। मंत्र इस प्रकार है- 'वक्र तुण्डाय हुं।' अब बात करते हैं मंत्र प्रयोग की- अगर आप अपनी धन-दौलत में वृद्धि करना चाहते हैं, तो आज अन्न में घी मिलाकर 108 आहुतियां दें और हर बार आहुति के साथ मंत्र पढ़ें। मंत्र हैं– वक्र
तुण्डाय हुं।
2. इसके अलावा अगर आप चाहते हैं कि आपको अचानक बड़ा धन लाभ हो जाये, आपकी जमा- पूंजी में बढ़ोतरी हो जाये, तो आज आपको नारियल के टुकड़े की एक हजार आहुतियां देनी चाहिए और साथ ही वक्रतुण्ड मंत्र का जप करना चाहिए। मंत्र है – वक्र तुण्डाय हुं।
3. अगर आपको किसी भी कारणवश आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है तो आज आपको पहले 1008 बार वक्रतुण्ड मंत्र का जप करना चाहिए। फिर भगवान का ध्यान करते हुए अष्टद्रव्यों में से किसी एक द्रव्य की 108 आहुतियां देनी चाहिए। उन अष्टद्रव्यों के नाम भी आपको बता दूं- गन्ने का रस, सत्तू, केला, चिउड़ा, तिल, मोदक, नारियल और धान का लावा। आज इस प्रकार वक्रतुण्ड मंत्र
का जप करके किसी एक द्रव्य की आहुति देने से आपको हर तरह की आर्थिक समस्याओं से छुटकारा मिलेगा।
अब बात करेंगे उच्छिष्ट गणपति नवार्ण मंत्र प्रयोग की-
मंत्र प्रयोग के लिए सबसे पहले आपको मंत्र सिद्ध करना होगा। इसके लिए आपको आसन पर बैठकर 1008 बार उच्छिष्ट गणपति नवार्ण मंत्र का जप करना चाहिए। मंत्र है- हस्तिपिशचिलिखे स्वाहा।
कहते हैं इस मंत्र के जप से ही कुबेर जी निधियों के स्वामी बन गए। लिहाजा ये मंत्र बड़ा ही लाभदायी है। अगर आप 1008 बार इस मंत्र का जप न कर सकें, तो 108 बार जप करें। श्री गणेश जी के मंत्रों के जप के लिये लाल चंदन की माला सर्वश्रेष्ठ बतायी गयी है। लाल चन्दन न होने की स्थिति में मूंगा, श्वेत चंदन, स्फटिक या रूद्राक्ष की माला पर भी जप कर सकते हैं।
विनायक चतुर्थी व्रत का महत्व
विनायक चतुर्थी व्रत रखने से हर तरह की बाधाएं दूर हो जाती है और सभी शुभ काम पूर्ण होते हैं। विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की उपासना करने से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और जीवन सुखमय, खुशहाल बन जाता है। इसके अलावा गणेश जी की पूजा करने से बुद्धि, ऐश्वर्य और ज्ञान की प्राप्ति होती है।
(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।)
ये भी पढ़ें-
Kalki Dham Mandir: कल्कि धाम मंदिर इस वजह से बना बेहद खास, ये हैं इसकी प्रमुख विशेषताएं
Shiv Tandav Stotram: आखिर कैसे हुई शिव तांडव स्त्रोत की रचना? स्तुति करने से मिलते हैं ये 5 बड़े लाभ