Vivah Panchami 2024: विवाह पंचमी का त्योहार भगवान राम और माता सीता के विवाह की स्मृति के रूप में मनाया जाता है। हर साल मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को यह दिन आता है। साल 2024 में 6 दिसंबर को विवाह पंचमी का त्योहार मनाया जाएगा। इस दिन राम-सीता की पूजा करने से भक्तों को कई शुभ परिणाम मिलते हैं। खासकर वैवाहिक जीवन में आ रही परेशानियों का अंत माता सीता और राम जी की पूजा से होता है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि, इस दिन सीता-राम के साथ ही माता गौरी की पूजा भी की जाती है, साथ ही सीता-राम के विवाह से भी इनका संबंध है। विवाह पंचमी के दिन माता गौरी की पूजा करने से आपको कई शुभ फल प्राप्त हो सकते हैं। ऐसे में आइए जान लेते हैं कि, विवाह पंचमी के दिन माता गौरी की पूजा क्यों करनी चाहिए और राम-सीता के विवाह से इनका क्या कनेक्शन है।
विवाह पंचमी के दिन इसलिए की जाती है माता गौरी की पूजा
भगवान राम और माता सीता का विवाह मार्गशीर्ष माह की पंचमी तिथि को हुआ था। लेकिन क्या आप जानते हैं कि, राम जी को वर रूप में पाने के लिए देवी सीता ने माता गौरी की आराधना की थी। माना जाता है कि, सीता देवी की माता गौरी में असीम आस्था थी। माता सीता ने भक्ति भाव से गौरी मां को प्रसन्न किया था। सीता जी चाहती थीं कि, राम जी उन्हें वर के रूप में मिलें। माता गौरी की कृपा से स्वयंवर के दौरान भगवान राम ने शिव धनुष को उठाया था और माता सीता से विवाह किया था। इसीलिए विवाह पंचमी के दिन माता गौरी की पूजा भी की जाती हैं। माना जाता है कि, जो लोग योग्य वर या वधु पाना चाहते हैं, उन्हें विवाह पंचमी के दिन गौरी माता की पूजा अवश्य करनी चाहिए। माता गौरी की कृपा से ऐसे लोगों को योग्य जीवनसाथी मिलता है।
विवाह पंचमी के दिन पूजा करने के लाभ
विवाह पंचमी के दिन माता गौरी और सीता-राम की पूजा करने से आपके वैवाहिक जीवन की कई परेशानियां दूर हो जाती हैं। जो लोग इस दिन विधिपूर्वक पूजन करते हैं उन्हें योग्य जीवनसाथी भी प्राप्त होता है। इसके साथ ही पारिवारिक जीवन में भी खुशियां आती हैं। अगर वैवाहिक जीवन में आप परेशानियों का सामना कर रहे हैं, तो इस दिन पति-पत्नी को साथ मिलकर सीता-राम की पूजा करनी चाहिए और रामचरित मानस का पाठ करना चाहिए। ऐसा करने से विवाह में आ रही हर परेशानी का हल आपको मिल जाता है। वहीं जिन विवाह योग्य लोगों की शादी नहीं हो पा रही है, उनको भी योग्य साथी इस दिन पूजा करने से प्राप्त हो सकता है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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