वास्तु टिप्स: वास्तु शास्त्र के अनुसार, हर दिशा के लिए एक रंग निर्धारित किया गया है। रंग आपके सोचने-समझने की क्षमता पर भी असर डालते हैं। सही रंग का चुनाव से व्यक्ति सुखी और स्वस्थ रहता है। ऐसे में वास्तु शास्त्र में आज आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए बाथरूम के रंग के बारे में। वैसे तो आजकल के मॉडर्न टाइम में लोग बाथरूम और टॉयलेट दोनों अटैच करके बनवाते हैं। हर कमरे के साथ एक अलग अटैच बाथरूम और टॉयलेट होता है।
लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार बाथरूम और टॉयलेट को एक साथ अटैच करके नहीं बनवाना चाहिए और खासकर कि कमरे के अंदर तो बिलकुल भी नहीं। बाथरूम घर का वह हिस्सा होता है जहां पर अगर ठीक से साफ-सफाई का ध्यान न दिया जाए तो यहां नकारात्मक शक्तियां हावी भी हो सकती हैं। यही कारण है कि भूलकर भी बाथरूम का दरवाजा रात में खुला नहीं रखना चाहिए। इसके अलावा अगर रंगों की बात करें तो वास्तु के मुताबिक बाथरूम या टॉयलेट की दीवारों पर सफेद, गुलाबी, हल्का पीला या हल्का आसमानी रंग होना चाहिए ताकि वहां पर सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो सके।
वहीं अगर बाथरूम की टाइल्स की बात करें तो हमेशा लाइट कलर का उपयोग करें, गहरे रंग की टाइल्स न लगाएं। टाइल्स का रंग सफेद, आसमानी या ब्लू होना चाहिए। ये रंग बाथरूम को बिलकुल फ्रेश लुक देते हैं। वहीं काले और लाल जैसे गहरे रंगों से बचें। यहां तक कि वास्तु के हिसाब से बाथरूम में रखी बाल्टी के रंग का भी ध्यान रखना चाहिए। बाथरूम में नीले रंग की बाल्टी रखें। वास्तु के अनुसार यह शुभ भाग्य का वाहक है। इससे घर में खुशियां आती हैं।
(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।)
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