
Varuthini Ekadashi 2025: एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन श्री हरि के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा का भी विधान है। हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व बताया गया है। धार्मिक मान्यता है कि जो भी जातक एकादशी के दिन उपवास रख विष्णु जी की विधि-विधान के साथ पूजा करता है उसे सुख-समृद्धि और खुशहाली का आशीर्वाद मिलता है। बता दें कि हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष को एकादशी का व्रत रखा जाता है। हर एकादशी का नाम अलग-अलग होता है। वैशाख माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को वरुथिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। वैशाख महीने में भगवान विष्णु की पूजा का खास महत्व इसलिए इस माह में आने वाली एकादशी व्रत का महत्व और बढ़ जाता है। ऐसे में वरुथिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु को ये चीजें जरूर अर्पित करें। ऐसा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
एकादशी के दिन विष्णु जी को अर्पित करें ये चीजें
तुलसी
भगवान विष्णु की पूजा तुलसी के बिना अधूरी मानी जाती है। तो एकादशी के दिन नारायण को तुलसी जरूर अर्पित करें। इसके साथ ही एकादशी के भोग में भी तुलसी का पत्ता रखना बिल्कुल भी न भूलें। लेकिन एकादशी के दिन तुलसी में स्पर्श करना वर्जित होता है तो इस दिन तुलसी न तोड़ें। पूजा के लिए एक दिन पहले ही तुलसी तोड़कर रख लें।
केला
विष्णु जी को केला अति प्रिय है। तो एकादशी की पूजा में केला को अवश्य रखें। केला अर्पित करने से विष्णु जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। केला के साथ ही आम, अंगूर और सेब भी भगवान विष्णु को चढ़ा सकते हैं।
पीले रंग की मिठाई
वरुथिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु को पीले रंग की मिठाई (बूंदी, बर्फी, लड्डू) का भोग भी लगाएं। इसके अलावा विष्णु जी को पंजीरी, साबूदाना या मखाने की खीर भी अर्पित कर सकते हैं।
कमल के फूल और पीले वस्त्र
एकादशी के दिन विष्णु जी को गेंदा के फूल के साथ ही कमल का फूल भी चढ़ाएं। कमल का फूल मां लक्ष्मी को अति प्रिय है। साथ ही श्री हरि नारायाण को पीले रंग के वस्त्र भी अर्पित करें।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इंडिया टीवी इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)