Vaishakh Som Pradosh 2023: हर माह के कृष्ण और शुक्ल, दोनों पक्षों की त्रयोदशी को प्रदोष व्रत किया जाता है। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शंकर की पूजा करनी चाहिए। कहा जाता है कि इस दिन जो व्यक्ति भगवान शंकर की पूजा करता है और प्रदोष व्रत करता है, वह सभी पापकर्मों से मुक्त होकर पुण्य को प्राप्त करता है और उसे उत्तम लोक की प्राप्ति होती है। किसी भी प्रदोष व्रत में प्रदोष काल का बहुत महत्व होता है। त्रयोदशी तिथि में रात्रि के प्रथम प्रहर, यानी सूर्योदय के बाद शाम के समय को प्रदोष काल कहते हैं। प्रदोष व्रत के दिन रात के पहले प्रहर में शिवजी को कुछ न कुछ भेंट अवश्य करना चाहिए।
वैशाख सोम प्रदोष व्रत 2023 डेट (Vaishakh Som Pradosh Vrat 2023 Date)
वैशाख का पहला प्रदोष व्रत 17 अप्रैल 2023 को रखा जाएगा। भगवान शिव को समर्पित प्रदोष व्रत का सोमवार के दिन पड़ना बहुत ही शुभ माना जाता है। इसलिए इस बार का वैशाख माह का पहला प्रदोष व्रत बहुत खास है। पंचांग के अनुसार वैशाख कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 17 अप्रैल 2023 को दोपहर 03 बजकर 46 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन 18 अप्रैल 2023 को दोपहर 01 बजकर 27 मिनट पर होगी।
सोम प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त (Som Pradosh Vrat Shubh Muhurat)
वैशाख माह के पहले प्रदोष व्रत में 17 अप्रैल 2023 को शाम 06 बजकर 48 मिनट से रात 09 बजकर 01 मिनट पर
वैशाख सोम प्रदोष व्रत 2023 शुभ योग (Vaishakh Som Pradosh Vrat 2023 Shubh Yoga)
इस बार सोम प्रदोष व्रत के दिन ब्रह्म और इंद्र योग का संयोग बन रहा है।
सोम प्रदोष व्रत की पूजा विधि (Som Pradosh Vrat Puja Vidhi)
- इस दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर सभी नित्य कर्मों से निवृत्त होकर स्नान करें।
- इसके बाद सूर्य भगवान को अर्ध्य दें और बाद में शिव जी की उपासना करनी चाहिए।
- इस दिन भगवान शिव को बेल पत्र, पुष्प, धूप-दीप और भोग आदि चढ़ाने के बाद शिव मंत्र का जाप, शिव चालीसा करना चाहिए।
- ऐसा करने से मनचाहे फल की प्राप्ति के साथ ही कर्ज की मुक्ति से जुड़े प्रयास सफल रहते हैं।
- सुबह पूजा आदि के बाद संध्या में, यानी प्रदोष काल के समय भी पुनः इसी प्रकार से भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए।
- शाम में आरती अर्चना के बाद फलाहार करें।
- अगले दिन नित्य दिनों की तरह पूजा संपन्न कर व्रत खोल पहले ब्राह्मणों और गरीबों को दान दें।
- इसके बाद भोजन करें।
वैशाख सोम प्रदोष व्रत में पंचका का साया (Vaishakh Som Pradosh Vrat 2023 Panchak Kaal time)
पंचांग के अनुसार इस बार वैशाख सोम प्रदोष व्रत में पंचक का साया भी रहेगा। पंचक 15 अप्रैल 2023 को शाम 06 बजकर 44 मिनट पर शुरू होगा और यह 19 अप्रैल 2023 को रात 11 बजकर 53 मिनट पर खत्म होगा। पंचक को अशुभ माना गया है। इसलिए इसमें शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं लेकिन शिव पूजा में पंचक का कोई असर नहीं होता है।
सोम प्रदोष व्रत का महत्व ( Som Pradosh Vrat Importance)
प्रदोष व्रत के दिन भगवान शंकर की पूजा की जाती है। कहते हैं, इस दिन जो व्यक्ति भगवान शंकर की पूजा करता है, और प्रदोष व्रत करता है, वह सभी पापकर्मों से मुक्त होकर पुण्य को प्राप्त करता है और उसे उसे मृत्यु के बाद मोक्ष भी मिलता है। भविष्य पुराण के हवाले से बताया गया है कि त्रयोदशी की रात के पहले प्रहर में जो व्यक्ति किसी भेंट के साथ शिव प्रतिमा के दर्शन करता है- वह सभी पापों से मुक्त होता है। प्रदोष व्रत के दिन रात के पहले प्रहर में शिवजी को कुछ न कुछ भेंट अवश्य करना चाहिए। साथ ही सफलता पाने के लिए सोम प्रदोष की प्रदोष काल वाली पूजा में सफेद चंदन और गंगाजल मिलाकर तैयार किया गया लेप शिवलिंग पर लगाएं। गाय के घी का दीपक जलाएं। ऐसा करने से भगवान शिव आपकी झोली खुशियों से भर देंगे।
प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव के इस महामृत्युजंय के मंत्र का जाप करें।
ऊं त्र्यम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टि वर्धनम।
उर्वारुकमिव बन्धनात मृत्युर्मुक्षीय माम्रतात।|
इस प्रकार जो व्यक्ति भगवान शिव की पूजा आदि करता है और प्रदोष का व्रत रखता है, वह सभी बन्धनों से मुक्त होकर सभी प्रकार के सुख-समृद्धि को प्राप्त करता है और उसे उत्तम लोक की प्राप्ति होती है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। INDIA TV इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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