Utpanna Ekadashi 2023: यह मार्गशीर्ष का महीना चल रहा है। इस मास की कृष्ण पक्ष की आज एकादशी तिथि है। आज उत्पन्ना एकादशी का व्रत 8 दिसंबर 2023 दिन शुक्रवार को रखा जाएगा। उत्पन्ना एकादशी से ही एकादशी के व्रत एवं पूजा का उदगम हुआ था। भगवान विष्णु के लिए मुर दैत्य से युद्ध में उसका संहार एकादशी देवी ने किया था। इस वजह से उनको भगवान विष्णु से वरदान मिला था कि आप संसार में एकादशी नाम से वंदनीय होंगी। आपकी पूजा के साथ ही साथ प्रत्येक माह में पड़ने वाली हर एकादशी तिथि को व्रत करने वाले भक्तों को में भव सागर से पार कर दूंगा।
उत्पन्ना एकादशी के दिन क्या करें
- उत्पन्ना एकादशी को सुबह स्नान कर एकादशी के व्रत का संक्लप लेना चाहिए।
- इस दिन स्नान आदि से नवृत हो कर भगवान विष्णु का भजन करना चाहिए।
- व्रत के दौरान यदि आप चाहें तो एक समय के लिए फलाहर चीजों का सेवन कर सकते हैं।
- इस दिन भगवान विष्णु के मंदिर जाना शुभ होता है और उनके निमित्त तिल के तेल का दीपदान करें या किसी पावन तीर्थ स्थान पर पवित्र नदी के तट पर सूर्यास्त के बाद दीपदान करना बेहद शुभ होता है।
- आज एकादशी वाले दिन रात्रि जागरण करना चाहिए और उत्पन्ना एकादशी की कथा श्रवण करनी चाहिए।
- शाम के समय विष्णु प्रिय तुलसी जी के पास एक घी का दीपदान करने से मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है और भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है।
- उत्पन्ना एकादशी के दिन भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप तुलसी की 108 दाने वाली माला से 5,7,9,11 विषम संख्याओं में जाप करना शुभ फल प्रदान करता है।
- जो लोग आज एकादशी का व्रत सच्चे मन से रखते हैं उनको जीवन का हर भौतिक सुख मिलता है और शास्त्रों में बताया गया है जो इस व्रत को रखते हैं उनको जीवन के अंत में मोक्ष प्राप्त होता है।
अब जान लीजिए एकादशी के दिन क्या नहीं करना चाहिए
- उत्पन्ना एकादशी के दिन किसी की निंदा, अपशब्द कहना, आलोचनाएं करना, बुरा व्यवहार किसी से नहीं करना चाहिए।
- इस दिन अन्न नहीं ग्रहण करना चाहिए और भूलवश चावल तो बिल्कुल नहीं खाना चाहिए। शास्त्रों में एकादशी के दिन चावल का सेवन करने वाले लोगों को नरकगामी बताया गया है।
- इस दिल तुलसी जी की पत्ती नहीं तोड़नी चाहिए इस बात का ध्यान रखें कि एकादशी के दिन तुलसी जी की पूजा कर सकते हैं। लेकिन भूल से भी इनकी पत्तियों को इस दिन नहीं तोड़ना चाहिए।
- इस दिन रखे हुए व्रत को अगले दिन पारण के समय ही खोलना चाहिए। इससे पहले यदि व्रत खोलते हैं या पारण समय के बाद व्रत खोलते हैं तो व्रत के पुण्य की जगह पाप लगता है।
- उत्पन्ना एकादशी के व्रत का पारण कल 9 दिसंबर 2023 दिन शनिवार को सुबह 7 बजकर 3 मिनट से लेकर 7 बजकर 13 मिनट तक रहेगा। इस दौरान ही व्रत का पारण करना अनिवार्य होता है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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