Hanuman Puja: हिंदू धर्म में हनुमान जी कलयुग के सबसे पूज्यनीय देवताओं में से एक हैं। बजरंगबली को भगवान राम ने जल समाधि लेने से पहले कलयुग तक धरती पर रहने और सभी भक्तों की रक्षा करने के लिए कहा था। मान्यता है कि अपने आराध्य की आज्ञा का पालन हनुमान जी आज भी कलयुग के वर्तमान समय में करते हैं। बात करें हनुमान जी की वंदना कि तो मंगलवार और शनिवार का दिन सबसे उत्तम होता है।
जो लोग नित्य सच्ची श्रद्धा और निस्वार्थ भाव से हनुमान जी के निमित्त उनकी चालीसा का पाठ करते हैं, उन पर हनुमान जी की विशेष कृपा बरसती है। धार्मिक मान्यता है कि हनुमान जी के पाठ के साथ ही साथ यदि उनके 12 दिव्य नामों का जाप अगर किया जाए, तो इसका फल कई गुना अधिक मिलता है और जीवन के समस्त दुःख बजरंगबली क्षण भर में दूर कर देते हैं।
हनुमान जी के 12 नामों की महिमा
- हनुमान- हनुमान जी का यह नाम सबसे प्रचलित है। यह संस्कृत शब्द हनु से बना है, जिसका अर्थ होता है ठोड़ी देवराज इंद्र के प्रहार करने बाद इनका नाम विश्व में हनुमान से प्रसिद्ध हुआ। यह नाम इनकी शक्ति और वीरता का प्रतीक है। इस नाम के जाप से बड़ी से बड़ी मुसीबत भी टल जाती है।
- अंजनी सुत- मां अंजनी के लाल होने के कारण हनुमान जी को अंजनी सुत नाम से भी पुकारा जाता है। यह नाम उनके जन्म और वंश का प्रतीक है। इसका जाप शुभ फलों की प्राप्ति कराने वाला माना जाता है।
- वायु पुत्र- वायु के देवता पवनदेव के मानस पुत्र होने के नाते हनुमान जी का नाम वायुपुत्र भी है। मान्यता है कि इस नाम का नित्य जाप करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है और आत्मबल में वृद्धि होती है।
- महाबल- हनुमान जी के पास अथाह बल और शक्ति होने के कारण इनका एक नाम महाबल भी है। इस नाम की शरण में आने से जीवन के सभी भय से छुटकारा मिल जाता है। यह नाम इनकी अद्भुत शक्ति का प्रतीक है।
- रामेष्ठ- श्री राम के प्रति समर्पण और निष्ठा होने के कारण उनको रामेष्ठ कहा गया। जिसका अर्थ है श्री राम जिसके इष्ठ आराध्य हों। इस नाम के जाप से भक्ति प्राप्त होती है और संसार के समस्त दुःखों से छुटकारा मिलता है।
- फाल्गुनसखा- महाभारत में अर्जुन का एक नाम फाल्गुन था। महाभारत में हनुमान जी ने अर्जुन के रथ को संभाला था और उनकी मदद की थी। इस प्रकार महाभारत के अर्जुन और हनुमान जी परम मित्र बने। यह नाम हनुमान जी और अर्जुन की मित्रता का प्रतीक है। मान्यता है कि इस मंत्र के जाप से अच्छे और मददगार मित्र मिलते हैं। क्योंकि मुश्किल समय में हर किसी को सच्चे मित्र का साथ चाहिए होता है।
- पिंगाक्ष- यह नाम हनुमान जी की भूरी आंखों का प्रतीक है। विभिन्न धर्म ग्रंथों में हनुमान जी की आंखों का रंग भूरा बताया गया है।
- अमितविक्रम- हनुमान जी के पास असीमित वीरता और साहस है, इस वजह से उनका एक नाम अमितविक्रम भी है और यह नाम उनकी अपार वीरता का प्रतीक भी है। मान्यता है कि इस नाम के जाप से भय, चिंता और शोक सब मिट जाते हैं।
- उदधिक्रमण- रामायण के अनुसार हनुमान जी मां सीता की खोज में जब लंका जा रहे थे तो उन्होंने समुद्र को लांघा था। यह नाम उनके समुद्र को लांघने की घटना का प्रतीक माना जाता है।
- सीताशोकविनाशन- लंका पहुंच कर हनुमान जी ने मां सीता जी को श्री राम का संदेश देकर उनके दुःख को कम किया था। इसलिए उनका एक नाम सीताशोक विनाशक भी है। यह नाम दुःखों और कष्टों को दूर करने वाला है, अतः आप इनके इस नाम का जाप नित्य कर सकते हैं।
- लक्ष्मणप्राणदाता- संजीवनी बूटी लाकर हनुमान जी ने लक्ष्मण जी के प्राण बचाए थे। इसलिए उन्हें लक्ष्मणप्राणदाता कहते हैं। माना जाता है यदि प्राण संकट में आ गए हों तो इस नाम का जाप अवश्य करना चाहिए।
- दशग्रीव दर्पहा- हनुमान जी ने लंका पहुंच कर रावण का घमंड चूर किया था। यह नाम उसी का प्रतीक है।
हनुमान जी के 12 नामों का जप करना बहुत ही लाभकारी माना जाता है। यह भक्तों को शक्ति, साहस, और भक्ति प्रदान करता है। यह नाम जपने से नकारात्मक शक्तियां पास नहीं भटकती हैं।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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