Somvati Amavasya 2024: भाद्रपद माह की अमावस्या तिथि सितंबर महीने की 2 तारीख को है। इस दिन सोमवार है इसलिए भाद्रपद माह की अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहा जाएगा। अमावस्या तिथि को बेहद शुभ माना जाता है और इस दिन पूजा आराधना करने से शुभ फलों की प्राप्ति भक्तों को होती है। पितरों के निमित्त तर्पण भी इस दिन किया जाता है, और पवित्र नदियों में स्नान करने का भी अमावस्या तिथि को बड़ा महत्व है। इसके साथ ही इस दिन कुछ चीजों का दान करने से आपको पितृ दोष से मुक्ति मिल सकती है, साथ ही देव और ऋषि ऋण से भी आप मुक्ति पा सकते हैं। आइए ऐसे में जान लेते हैं कि सोमवती अमावस्या के दिन किन चीजों का दान आपको करना चाहिए।
पितृदोष से मुक्ति के लिए करें इन चीजों का दान
सोमवती अमावस्या के दिन आपको पितृ देवताओं को प्रसन्न करने के लिए तर्पण तो देना ही चाहिए साथ ही दान भी अवश्य करना चाहिए। मान्यताओं के अनुसार अगर आप सोमवती अमावस्या के दिन अन्न का दान करते हैं तो इससे पितरों की आत्मा तृप्त होती है और आपको पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। पितरों को प्रसन्न करने के लिए आप अन्न का दान सोमवती अमावस्या के दिन अवश्य करें, आप ब्राह्माणों को भी भोजन करवा सकते हैं। इसके साथ ही भोजन में से कुछ हिस्सा निकालकर गाय, कुत्ते या गाय को भी खिलाएं। अन्न का दान सोमवती अमावस्या के दिन करके आपके जीवन की कई परेशानियां दूर हो सकती हैं।
इस चीज का दान करके देव ऋण से मिलेगी मुक्ति
अगर आप देव ऋण से मुक्त होना चाहते हैं तो आपको सोमवती अमावस्या के दिन वस्त्रों का दान अवश्य करना चाहिए। आप जरूरतमंद लोगों को वस्त्र दान तो कर ही सकते हैं, साथ ही देवताओं को भी पीले, हरे या लाल रंग के वस्त्र आप अर्पित कर सकते हैं। हालांकि इस बात का आपको ध्यान रखना चाहिए कि ये वस्त्र सिले हुए हों। सोमवती अमावस्या पर वस्त्रों का दान करने से देवता प्रसन्न होते हैं और आप पर कृपा बरसाते हैं।
ऋषि ऋण से मुक्ति पाने के लिए करें ये दान
ऋषियों के द्वारा ही ज्ञान की धारा आज तक हमारे समाज में बह रही है। इसलिए ऋषियों के ऋण को चुकाने के लिए हमको इस ज्ञान को ज्यादा से ज्यादा बांटना चाहिए। ऋषि ऋण से मुक्ति पाने के लिए आप गीता, रामायण, उपनिषद, वेद आदि पुस्तकों का दान कर सकते हैं। जरूरतमंद बच्चों का उनकी कक्षा से संबंधित पुस्तकें देना भी आपके लिए हितकारी रहेगा। इसके साथ ही खुद भी आपको सोमवती अमावस्या के दिन किसी धार्मिक पुस्तक का अध्ययन करना चाहिए। ऐसा करने से भी ऋषि ऋण से आपको मुक्ति मिलती है और साथ ही ज्ञान की भी आपको प्राप्त होती है।
इसके साथ ही सोमवती अमावस्या के दिन आप सफेद वस्त्रों, दही, खीर, चावल आदि का दान करके कुंडली में चंद्रमा की स्थिति को मजबूत कर सकते हैं। अगर आपका चंद्रमा मजबूत होगा तो मन नियंत्रण में रहेगा और आपको जीवन में सफलता प्राप्त होगी।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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