Sawan 2024 Shivling Puja Niyam: देवों के देव महादेव शिव की पूजा से हर भक्त की मनोकामना पूरी होती है। प्राचीन शास्त्रों के अनुसार इस ब्रह्मांड की उत्पत्ति शिवलिंग से हुई है। कहा जाता है कि जब इस संसार में कुछ भी नहीं था, तब एक विशाल शिवलिंग प्रकट हुआ, जिसने पूरे ब्रह्मांड को प्रकाश और ऊर्जा से भर दिया। उसके बाद ही संपूर्ण आकाश, तारे और ग्रहों का निर्माण हुआ।
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार शिवलिंग की सबसे पहले पूजा ब्रह्मा देव और विष्णु जी ने की थी और सबसे पहला व्रत माता आदिशक्ति दुर्गा, लक्ष्मी और सरस्वती ने रखा था। वैसे तो इस संसार का हर प्राणी शिव की पूजा करता है, क्योंकि शिव जी हर प्राणी के रक्षक हैं। इसीलिए उन्हें पशुपतिनाथ भी कहा जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अविवाहित महिलाएं शिवलिंग की पूजा नहीं कर सकती हैं? शास्त्रों और पुराणों में शिवलिंग की पूजा से जुड़े कई नियम बताए गए हैं। ज्योतिषाचार्य चिराग दारूवाला से जानिए शिवलिंग पूजा के महत्व के बारे में।
शिवलिंग की पूजा का महत्व
हिंदू धर्म में शिवलिंग की पूजा को विशेष महत्व दिया गया है। मान्यता है कि शिवलिंग की पूजा करने से भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और मनचाहा फल प्राप्त होता है। मान्यता है कि अविवाहित महिलाओं के अलावा विवाहित महिलाओं द्वारा शिवलिंग को छूने से माता पार्वती नाराज हो सकती हैं, जिसके कारण पूजा का विपरीत परिणाम हो सकता है। इसलिए कहा जाता है कि महिलाओं को शिव की मूर्ति के रूप में ही पूजा करनी चाहिए।
महिलाएं शिवलिंग को क्यों नहीं छू सकतीं?
महिलाओं को शिवलिंग की पूजा करते समय कुछ गलतियां नहीं करनी चाहिए, अन्यथा पूजा सफल नहीं मानी जाती है और व्यक्ति को दुष्परिणाम भुगतना पड़ सकता है। अविवाहित महिलाओं को इसे छूने की मनाही है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान शिव सबसे पवित्र हैं और हमेशा ध्यान में लीन रहते हैं। भगवान शंकर के ध्यान के दौरान इस बात का ध्यान रखा जाता था कि कोई देवी या अप्सरा भगवान के ध्यान में विघ्न न डालें। इसलिए कुंवारी लड़कियों को शिवलिंग को छूने से मना किया जाता है। भगवान शिव की तपस्या में विघ्न डालना अनुचित माना जाता है, इसलिए शास्त्रों में अविवाहित महिलाओं को शिवलिंग को छूने से मना किया गया है।
महिलाएओं को शिवलिंग की पूजा कैसे करनी चाहिए?
शास्त्रों के अनुसार, शिवलिंग शक्ति का प्रतीक है और केवल शादीशुदा पति-पत्नी या पुरुष ही शिवलिंग को छू सकता है। इसलिए अगर आप शिवलिंग की पूजा करने जा रहे हैं तो ध्यान रखें कि केवल पुरुष को ही शिवलिंग को छूना है। पवित्र शिवलिंग को सीधे छूना वर्जित है। अगर कोई महिला तिलक लगाने के लिए शिवलिंग को छूना चाहती है तो पहले वह शिवलिंग के जल को छूकर प्रणाम करती है। फिर वह शिवलिंग को छू सकती हैं।
(ज्योतिषी चिराग दारूवाला विशेषज्ञ ज्योतिषी बेजान दारूवाला के पुत्र हैं। उन्हें प्रेम, वित्त, करियर, स्वास्थ्य और व्यवसाय पर विस्तृत ज्योतिषीय भविष्यवाणियों के लिए जाना जाता है।)
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