Sawan 2024 Belpatra Significance: भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए छप्पन भोग नहीं बल्कि एक लोटा जल और कुछ बेलपत्र ही काफी होते हैं। जल और बेलपत्र अर्पित कर के ही भक्तगण भोलेनाथ की कृपा दृष्टि पा सकते हैं। शिवजी की पूजा के लिए सबसे उत्तम महीना सावन और दिन सोमवार माना जाता है। कहते हैं सावन में भगवान शिव और माता पार्वती धरती पर आते हैं और अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं। ऐसे में भोलेशंकर को प्रसन्न करने के लिए भक्तगण तरह-तरह के उपाय अपनाते हैं। घरों से लेकर शिव मंदिरों में शिवभक्त विशेष रूप से पूजा-अर्चना करते हैं। तो आज हम जानेंगे कि आखिर महादेव को बेलपत्र इतने प्रिय क्यों हैं।
शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने से क्या होता है?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए माता पार्वती ने कठोर तपस्या की थी। अपने तप के दौरान रोजाना मां गौरी शिवलिंग पर एक लोटा जल ऐर बेलपत्र अर्पित करती थीं। इन्हीं दोनों चीजों को चढ़ाकर माता पार्वती ने भोलेनाथ की आराधना की थी। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, माता पार्वती ने ही सबसे पहली बार शिवजी के चरणों में बेलपत्र अर्पित किया था। कहते हैं कि जो भी भक्त केवल जल और बेलपत्र से भी भोलेशंकर की उपासना करता है उसका दांपत्य जीवन भगवान शिव और माता गौरी के जैसा होता है। इसके साथ जातक को महादेव और मां पार्वती की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
सावन माह का महत्व
सावन का महीना भगवान शिव को अति प्रिय है। सावन महीने को शिव भक्ति के लिए जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माता पार्वती ने भी शिव जी को पति के रूप में पाने के लिए सावन महीने में ही कठोर तप किया था। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने माता पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। अच्छे वर की प्राप्ति के लिए इस महीने में भगवान शिव की पूजा-अर्चना जरूर करनी चाहिए। सावन में शिव-गौरी की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। साथ ही दांपत्य जीवन भी सुखमय और खुशहाल रहता है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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