
Sheetala Ashtami Upay: हर साल चैत्र कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को शीतला अष्टमी का व्रत किया जाता है। इस दिन माता शीतला की पूजा की जाती है। शीतला अष्टमी के दिन देवी मां को बासी भोजन का भोग लगाने का विधान है। साथ ही इस दिन बासी भोजन खाने की भी परंपरा है। शीतला अष्टमी मुख्य रूप से मालवा, निमाड़, राजस्थान और हरियाणा के कुछ क्षेत्रों में मनाया जाता है। शीतला अष्टमी को बासौड़ा, बूढ़ा बसौड़ा या बसियौरा नामों से भी जाना जाता है। तो आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए कि इस अवसर पर कौन-से खास उपाय करके आप शुभ फलों की प्राप्ति कर सकते हैं और अपने कार्यों में सफलता पा सकते हैं।
1. अगर आप अपनी नौकरी को लेकर कुछ परेशान हैं तो उस परेशानी से छुटकारा पाने के लिए शीतला अष्टमी के दिन आपको स्नान आदि के बाद शीतला चालीसा का पाठ करना चाहिए और पाठ करने के बाद देवी मां को पुष्प अर्पित करने चाहिए।
2. अगर आप अपने स्वास्थ्य को बेहतर करना चाहते हैं और लंबी आयु का वरदान पाना चाहते हैं, तो शीतला अष्टमी के दिन आपको माता शीतला के इस मंत्र का जप करना चाहिए। मंत्र है- मृणाल तन्तु सदृशीं नाभि हृन्मध्य संस्थिताम्। यस्त्वां संचिन्त येद्देवि तस्य मृत्युर्न जायते।।
3. अगर आप अपने परिवार की खुशहाली को बनाये रखना चाहते हैं तो इसके लिए शीतला अष्टमी आपको शीतलाष्टक स्तोत्र में दिये देवी के इस मंत्र का जप करना चाहिए। मंत्र इस प्रकार है- शीतले त्वं जगन्माता शीतले त्वं जगत्पिता। शीतले त्वं जगद्धात्री शीतलायै नमो नम:।।
4. अगर आप अपनी दिन-दुगनी, रात-चौगनी तरक्की देखना चाहते हैं तो शीतला अष्टमी के दिन आपको शीतला माता के आगे घी का दीपक जलाना चाहिए और उनकी आरती का एक बार पाठ करना चाहिए।
5. अगर आप अपने घर-परिवार की सुख-समृद्धि में बढ़ोतरी करना चाहते हैं तो शीतला अष्टमी के दिन आपको स्नान आदि के बाद शीतला मां का ध्यान करते हुए घर पर ही एक आसन बिछाकर बैठना चाहिए और मंत्र महोद्धि में दिये देवी मां के इस नौ अक्षरों के मंत्र का जप करना चाहिए। मंत्र इस प्रकार है- 'ऊँ ह्रीं श्रीं शीतलायै नमः।' इस मंत्र का कम से कम 1 माला, यानि 108 बार जप करना चाहिए।
6. अगर आप अपने बिजनेस को अनजाने खतरों से बचाये रखना चाहते हैं तो इसके लिए शीतला अष्टमी के दिन आपको स्नान आदि के बाद नीम के पेड़ के पास जाना चाहिए और उस पेड़ में देवी मां के स्वरूप का ध्यान करते हुए पहले आपको प्रणाम करना चाहिए। उसके बाद रोली-चावल आदि से पेड़ की पूजा करनी चाहिए।
7. अगर आपके जीवनसाथी को किसी प्रकार की परेशानी बनी हुई है तो उस परेशानी से छुटकारा पाने के लिए शीतला अष्टमी के दिन आपको अपने घर के बाहर पश्चिम दिशा में नीम का पेड़ लगाना चाहिए और उसकी नियमित रूप से देखभाल करनी चाहिए।
8. अगर आप अपने हर काम में लाभ पाना चाहते हैं और कामयाबी हासिल करना चाहते हैं तो शीतला अष्टमी के दिन आपको स्नान-आदि के बाद दूध-चावल की खीर बनानी चाहिए और उससे देवी मां को भोग लगाना चाहिए। देवी मां को भोग लगाने के बाद बाकी खीर को प्रसाद के रूप में बच्चों में बांट दें और थोड़ा-सा प्रसाद स्वयं भी खा लें।
9. अगर आप देवी भगवती की कृपा अपने ऊपर बनाये रखना चाहते हैं और उनकी कृपा से जीवन में सफलता पाना चाहते हैं तो शीतला अष्टमी के दिन आपको भगवती शीतला की वंदना करनी चाहिए और उनके इस मंत्र का जप करना चाहिए। मंत्र है- वन्देऽहं शीतलां देवीं रासभस्थां दिगम्बराम्।। मार्जनी कलशोपेतां सूर्प अलंकृत मस्तकाम्।।
10. अगर आपके जीवन में मिठास की जगह कड़वाहट ने ले ली है तो उस कड़वाहट को दूर करने के लिए और जीवन में मिठास घोलने के लिए शीतला अष्टमी के दिन आपको नीम की 21 पत्तियां लेनी चाहिए और उन्हें एक धागे में पिरोकर माला बनानी चाहिए। अब उस माला को देवी मां को अर्पित करना चाहिए।
11. अगर आप अनजाने में हुयी गलतियों के पश्चताप से परेशान हैं, तो इस सबसे बचने के लिए शीतला अष्टमी के दिन आपको शीतलाष्टक स्तोत्र में दिये माता शीतला के इस मंत्र का जप करना चाहिए। मंत्र इस प्रकार है- न मन्त्रो नौषधं तस्य पापरोगस्य विद्यते। त्वामेकां शीतले धात्रीं नान्यां पश्यामि देवताम्।।
12. अगर आपको किसी भी प्रकार का डर या स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्या बनी रहती है तो इस सबसे छुटकारा पाने के लिए शीतला अष्टमी के दिन आपको शीतलाष्टक स्तोत्र में दिये माता शीतला के इस मंत्र का जप करना चाहिए। मंत्र इस प्रकार है- वन्देSहं शीतलां देवीं सर्वरोग भय अपहाम्। यामासाद्य निवर्तेत विस्फोटक भयं महत्।
(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7:30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।)
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