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शतभिषा नक्षत्र में नामकरण और कोई सामान खरीदना होता है शुभ, जानें इसका महत्व

शतभिषा एक पंचक नक्षत्र है। धनिष्ठा से लेकर रेवती तक के पांच नक्षत्रों को पंचक नक्षत्र कहा जाता है। इसलिए आज पंचक है। पंचक के दौरान घर में लकड़ी का कार्य या घर में लकड़ी से जुड़ा कार्य नहीं कराना चाहिए और न ही लकड़ी इकट्ठी करनी चाहिए। अगर आप यह कार्य इस समय करेंगे तो यह अच्छा नहीं माना जाता।

Written By : Acharya Indu Prakash Edited By : Vineeta Mandal Updated on: December 28, 2022 7:02 IST
Shatabhisha Nakshatra - India TV Hindi
Image Source : FILE IMAGE Shatabhisha Nakshatra

आज पौष शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि और बुधवार का दिन है। षष्ठी तिथि आज रात 8 बजकर 44 मिनट तक रहेगी। आज दोपहर 2 बजकर 21 मिनट तक सिद्धि योग रहेगा। यह योग किसी भी प्रकार की सिद्धि प्राप्त करने और प्रभु का नाम जपने के लिए बहुत उत्तम है। इस योग में जो भी कार्य शुरू किया जाता है वह अवश्य ही सिद्ध होता है अर्थात सफल होता है। साथ ही आज दोपहर 12 बजकर 46 मिनट तक रवियोग रहेगा- सूर्य जिस नक्षत्र में चौथे , छठे , नौवे , तेरहवे अथवा बीसवें नक्षत्र पर जब चंद्रमा संचरण करता है तब रवि योग होता है। शुभ योग में रवि योग बहुत ही शुभ माना जाता है। रवि योग में 13 प्रकार के कुयोगों का स्वतः ही विनाश हो जाता है, अतः रवि योग में किसी भी प्रकार के शुभ कार्य संपन्न किए जा सकते हैं।

आज दोपहर 12 बजकर 46 मिनट तक शतभिषा नक्षत्र रहेगा। आकाशमंडल में स्थित 27 नक्षत्रों में से शतभिषा 24वां नक्षत्र है। इसका अर्थ होता है - सौ चिकित्सक। ये नक्षत्र अपने आप में बहुत-सी वस्तुओं को समा लेने की क्षमता रखता हैं। इस नक्षत्र में नामकरण, मुण्डन, कोई नया सामान खरीदना और विद्या आरंभ करना बेहद ही शुभ माना जाता है। आपको बता दूं कि शतभिषा नक्षत्र के स्वामी राहु है, जो कि एक छाया ग्रह है और इसकी राशि कुंभ है, यानी इसके चारों चरण कुंभ राशि में ही आते हैं। शतभिषा नक्षत्र के प्रबल प्रभाव में आने वाले जातक साहसी, सात्विक जीवन जीने वाले, सदाचारी, धार्मिक, चतुर, रहस्यमयी और आत्मविश्वास से भरपूर होते हैं।

इसके अलावा शतभिषा नक्षत्र का प्रतीक चिन्ह खाली वृत्त या गोलाकार आकृति को माना जाता है, जबकि पेड़-पौधों में इसका संबंध कदंब के पेड़ से बताया गया है। अत: जिन लोगों का जन्म शतभिषा नक्षत्र में हुआ है उन लोगों को आज के दिन शतभिषा नक्षत्र के दौरान कदंब के पेड़ की उपासना करनी चाहिए। अगर आपको कदंब का पेड़ न मिले तो अपने मन में ही हरे भरे कदंब की आकृति का ध्यान करें। साथ ही कदंब के पेड़, उसकी लकड़ी या उससे जुड़ी किसी भी अन्य चीज को आज के दिन नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए। आज के दिन ऐसा करने से जीवन में आपकी तरक्की सुनिश्चित होगी।

(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।)

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