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Navratri 2023: मां आदि शक्ति को ये फूल है सबसे प्रिय, इन मंत्रों के साथ चढ़ाएं, पूरी होगी मनोकामना

Shardiya Navratri 2023 : नवरात्रि के दिनों हम सभी देवी मां को प्रसन्न करने के लिए हर तरह के प्रयास करते हैं। उन्हें सभी प्रकार की पूजा सामग्री भेंट करते हैं, लेकिन देवी मां को ये खास फूल चढ़ाना अत्यंत मंगलकारी होता है।

Written By: Aditya Mehrotra
Published : Oct 17, 2023 19:41 IST, Updated : Oct 18, 2023 15:29 IST
Navratri 2023
Image Source : INDIA TV Navratri 2023

Shardiya Navratri 2023 : हर वर्ष आने वाली शारदीय नवरात्रि का हम सभी को बेसब्री से इंतजार रहता है। नवरात्रि आते ही हम दुर्गा मां को प्रसन्न करने के लिए अनेक उपाय अपनाते हैं और उनके चरणों में नतमस्तक हो जाते हैं। इन दिनों नवरात्रि के पर्व में हम माता रानी को प्रसन्न करने के लिए अनेक वस्तुएं उन्हें चढ़ाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं वह एक चीज़ जो देवी मां को सबसे ज्यादा प्रिय है। वह है लाल गुलहड़ का फूल। इस फूल के बिना देवी मां की पूजा अधूरी मानी जाती है। माता रानी की कृपा पाने के लिए उन्हें लाल गुलहड़ का फूल जरूर अर्पित करें।  

जानें मां दुर्गा को क्यों प्रिय हैं लाल गुलहड़ का फूल?

हिंदू धर्म ग्रंथ के अनुसार देवी मां को लाल गुलहड़ का फूल अतिप्रिय है, देवी मां आदि शक्ति हैं और लाल रंग शक्ति का प्रतीक होता है, यह रंग ऊर्जा का भी प्रतिनिधित्व करता है। इस वजह से देवी मां को लाल गुलहड़ का फूल सबसे प्रिय है। जो भी भक्त मां देवी को लाल गुलहड़ का फूल चढ़ाते हैं, उनकी हर मनोकामना मां देवी शीघ्र पूर्ण करती हैं। ऐसे में माता रानी की कृपा पाने के लिए उन्हें गुलहड़ का फूल जरूर अर्पित करें।

देवी मां को फूल अर्पित करने के मंत्र

मां दुर्गा को फूल चढ़ाने के तीन मंत्र शास्त्रों में बताए गए हैं। वे तीन मंत्र इस प्रकार से हैं। आप भी देवी मां को फूल चढ़ाते समय इन मंत्रों का शुद्ध स्वर में उच्चारण कर सकते हैं। 

1. प्रथम पुष्पांजलि मंत्र

ॐ जयन्ती, मङ्गला, काली, भद्रकाली, कपालिनी ।

दुर्गा, शिवा, क्षमा, धात्री, स्वाहा, स्वधा नमोऽस्तु ते॥

एष सचन्दन गन्ध पुष्प बिल्व पत्राञ्जली ॐ ह्रीं दुर्गायै नमः॥

2. द्वितीय पुष्पांजलि मंत्र

ॐ महिषघ्नी महामाये चामुण्डे मुण्डमालिनी ।

आयुरारोग्यविजयं देहि देवि! नमोऽस्तु ते ॥

एष सचन्दन गन्ध पुष्प बिल्व पत्राञ्जली ॐ ह्रीं दुर्गायै नमः ॥

3. तृतीया पुष्पांजलि मंत्र

ॐ सर्व मङ्गल माङ्गल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके ।

शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणि नमोऽस्तु ते ॥१॥

सृष्टि स्थिति विनाशानां शक्तिभूते सनातनि ।

गुणाश्रये गुणमये नारायणि! नमोऽस्तु ते ॥२॥

शरणागत दीनार्त परित्राण परायणे ।

सर्वस्यार्तिहरे देवि! नारायणि! नमोऽस्तु ते ॥३॥


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। । इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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