Sharad Purnima 2022: आज शरद पूर्णिमा का त्योहार है, मान्यता है कि इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने अपनी गोपियों के साथ चंद्रमा की चांदनी में रास लीला की थी। इस दिन का हिंदू धर्म में काफी महत्व है, क्योंकि इस दिन चंद्रमा से निकलने वाली किरणें पूरे साल में सबसे अलग होती हैं। यह त्योहार शरद ऋतु के आने का संकेत है। आश्विन महीने की इस पूर्णिमा को 'शरद पूनम' या 'रास पूर्णिमा' भी कहते हैं। इस रात को लोग अपनी छतों पर या बालकनी में खीर बनाकर रखते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह सिर्फ एक परंपरा नहीं बल्कि जीवन की परेशानियों को खत्म करने का उपाय है। जी हां! शरद पूर्णमा पर रात में खीर को चांदनी में क्यों रखा जाता है, इसकी क्या विधि है और इसके क्या लाभ हैं, ये हम आपको बताने जा रहे हैं।
पॉजिटिव उर्जा देने वाली चांदनी
शरद पूर्णिमा की रात बड़ी ही खास होती है। इस रात को चांद की रोशनी बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जाती है। कहते हैं शरद पूर्णिमा की रात को चांद की रोशनी में कुछ ऐसे तत्व मौजूद होते हैं, जो हमारे शरीर और मन को शुद्ध करके एक पॉजिटिव ऊर्जा प्रदान करते हैं। दरअसल इस दिन चंद्रमा पृथ्वी के काफी नजदीक होता है, जिसके चलते चंद्रमा की रोशनी का और उसमें मौजूद तत्वों का सीधा और पॉजिटिव असर पृथ्वी पर पड़ता है।
कमजोर मन के लोगों के लिए विशेष है ये त्योहार
हिंदू धर्म और ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को मन का स्वामी बताया गया है। कहा जाता है, 'चन्द्रमा मनसो जातः' चन्द्रमा मन का कारक है। ऐसे में जब चन्द्रमा पृथ्वी के नजदीक होगा, तो जाहिर सी बात है कि ये हमारे मन पर और भी अधिक प्रभाव डालेगा। जो लोग मानसिक रूप से परेशान रहते हैं, जो डिप्रेशन में रहते हैं, जिन्हें किसी काम को लेकर बहुत डर लगा रहता है, जो बहुत जल्दी इरिटेट हो जाते हैं या जो मन से कमजोर होते हैं, उनके लिये शरद पूर्णिमा का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण है।
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रात भर बाहर रखें खीर, ब्रह्म मुहूर्त में लगाएं भोग
शरद पूर्णिमा की रात को दूध, चावल की खीर बनाकर चांद की रोशनी में रखने का विधान है। आज दूध, चावल की खीर बनाकर, एक बर्तन में रखकर उसे जालीदार कपड़े से ढक्कर चांद की रोशनी में रखना चाहिए और अगली सुबह ब्रह्ममुहूर्त में श्री विष्णु को उस खीर का भोग लगाना चाहिए और भोग लगाने के तुरंत बाद उस खीर को प्रसाद के रूप में परिवार के सब सदस्यों में बांट देना चाहिए।
इम्युनिटी के साथ, मजबूत होगा मन और मस्तिष्क
जैसा कि हमने आपको बताया कि अन्य दिनों की तुलना में इस दिन चन्द्रमा पृथ्वी के अधिक नजदीक होता है, जिसके चलते चन्द्रमा की रोशनी में उपस्थित तत्वों का सीधा असर पृथ्वी पर पड़ता है और आज रात को खीर बनाकर चांद की रोशनी में रखने का भी यही कारण है। दूध में उपस्थित लैक्टोज और कुछ अन्य तत्व, साथ ही चावल में स्टार्च की उपस्थिति चंद्रमा की किरणों में उपस्थित तत्वों को अवशोषित करने में मदद करते हैं और ये रासायनिक तत्व हमारी रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम करते हैं। साथ ही हमारे मन और मस्तिष्क को शुद्ध रखने में मदद करते हैं और एक पॉजिटिव एनर्जी का संचार करते हैं।