Pradosh Vrat 2025: प्रत्येक माह के कृष्ण और शुक्ल दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत किया जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। बता दें कि अलग-अलग वार को पड़ने वाले प्रदोष का नामकरण भी अलग-अलग किया जाता है। जैसे सोमवार को पड़ने वाले प्रदोष को सोम प्रदोष व्रत कहते है वैसे ही शनिवार को पड़ने वाले प्रदोष को शनि प्रदोष व्रत कहते हैं। इस साल का पहला प्रदोष व्रत 11 जनवरी 2025, शनिवार को है इसलिए इसे शनि प्रदोष कहा जाएगा। शनि प्रदोष के दिन भोलेनाथ के साथ ही भगवान शनि देव की पूजा की जाती है। इसके साथ ही शनि प्रदोष के दिन ये काम करने से महादेव और शनि देव दोनों की कृपा बनी रहती है।
शनि प्रदोष के दिन करें ये काम
शिवलिंग पर अर्पित करें ये चीजें
शनि प्रदोष के दिन प्रात:काल उठकर स्नान आदि कर साफ-सुथरे कपड़े पहन लें। इसके बाद शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, शहद से अभिषेक करें। इसके साथ ही शिवलिंग पर बेलपत्र और धतूरा चढ़ाएं। ऐसा करने से अगर आपकी कुंडली में शनि दोष से तो उसके दुष्रप्रभाव से राहत मिलती है।
शनि देव पर अर्पित करें तेल
शनि प्रदोष के दिन शनि देव पर सरसों का तेल और काला जरूर अर्पित करें। इस उपाय को करने से आपके ऊपर शनि देव की खास कृपा बरसेगी। इसके साथ ही शनि साढ़ेसाती और ढैय्या जैसे दोषों से छुटकारा मिलता है।
पीपल पेड़ में ये चीजें मिलाकर चढ़ाएं जल
शनि प्रदोष के दिन शिवजी की पूजा के बाद एक लोटा साफ जल में तिल, उड़द और अक्षत मिलाकर पीपल पेड़ में जल अर्पित करें। जल देने के बाद पीपल पेड़ के नीचे एक दीया भी अवश्य जलाएं। कहते हैं कि इस उपाय को करने से जातक की कुंडली से शनि दोष का प्रभाव कम हो जाता है।
शनि प्रदोष के दिन करें दान
शनि प्रदोष के दिन काले तिल और सरसों तेल का दान करें। इन चीजों को दान करने से सोया भाग्य जाग जाता है और घर में धन-धान्य की की वर्षा होती है। इसके अलावा शनि प्रदोष के दिन गरीब और जरूरतमंदों को अन्न, धन और वस्त्र का दान करें। इसे आपके घर में सुख-सौभाग्य और समृद्धि बनी रहती है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
ये भी पढ़ें-
Mahakumbh: महाकुंभ में स्नान करने पर क्या फल मिलता है? जानिए इसका महत्व और नियम