Shani Pradosh Vrat 2023: इस साल का पहला शनि प्रदोष व्रत 18 फरवरी 2023 को रखा जाएगा। जब प्रदोष व्रत शनिवार के दिन आता है तो उसे शनि प्रदोष व्रत कहा जाता है। इस दिन महाशिवरात्रि का पर्व भी है। यह संयोग काफी शुभदायी रहने वाला है। दरअसल, भोलेनाथ को प्रदोष व्रत और महाशिवरात्रि दोनों दिन अत्यंत प्रिय है। ऐसे में इस दिन शनि देव के साथ शिवजी की पूजा करने से दोगुना फल की प्राप्ति होगी।
प्रदोष व्रत के बारे में
प्रत्येक महीने में दो पक्ष होते हैं- एक कृष्ण पक्ष और दूसरा शुक्ल पक्ष। इन दोनों ही पक्षों की त्रयोदशी को प्रदोष व्रत किया जाता है और प्रदोष व्रत में भी प्रदोष काल का महत्व होता है। प्रदोष काल उस समय को कहा जाता है, जब दिन छिपने लगता है, यानी सूर्यास्त के ठीक बाद वाले समय और रात्रि के प्रथम प्रहर को प्रदोष काल कहा जाता है।
प्रदोष काल में करें शिव जी की उपासना
त्रयोदशी के दिन प्रदोष काल के समय भगवान शंकर की पूजा का विधान है। त्रयोदशी की रात के पहले प्रहर में जो व्यक्ति किसी भेंट के साथ शिव प्रतिमा के दर्शन करता है, उसे जीवन में सुख ही सुख मिलता है। अतः आज के दिन शिव प्रतिमा के दर्शन अवश्य ही करने चाहिए। वैसे तो यह वार के हिसाब से यह जिस दिन पड़ता है, उसी के अनुसार इसका नामकरण होता है। जैसे - आज शनिवार का दिन है, इसलिए आज का प्रदोष शनि प्रदोष व्रत है। अतः आज शनि प्रदोष व्रत है और शनि प्रदोष के दिन भगवान शंकर के साथ ही शनिदेव की पूजा का बड़ा ही महत्व है।
शनि प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त
- फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि आरंभ- रात 11 बजकर 36 मिनट से (17 फरवरी 2023)
- त्रयोदशी तिथि समापन- शनिवार को रात 08 बजकर 02 मिनट पर (18 फरवरी 2023)
- शिव पूजा मुहूर्त - शाम 06 बजकर 03 मिनट से रात 08 बजकर 02 मिनट तक (18 फरवरी 2023)
(डिस्क्लेमर - ये आर्टिकल जन सामान्य सूचनाओं और लोकोक्तियों पर आधारित है। इंडिया टीवी इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता।)
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