Highlights
- इस साल शारदीय नवरात्रि के व्रत की शुरुआत 26 सितंबर से होगी और 5 अक्टूबर को इसका समापन किया जाएगा।
- हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को परिवर्तिनी एकादशी व्रत रखा जाता है।
September 2022 Festival List : सितंबर महीने में कई बड़े त्यौहार आते है। इस महीने का पहला व्रत 1 सितंबर को था। इसके बाद कई और प्रमुख त्योहार है। चालिए जानते है सितंबर माह का सभी प्रमुख व्रत त्योहार और उन सभी का महत्व।
01 सितंबर-ऋषि पंचमी ललिता षष्ठी
02 सितंबर-सूर्य षष्ठी, संतान सप्तमी, बड़ी सातम
04 सितंबर -श्री राधाष्टमी, स्वामी हरिदास जयंती
05 सितंबर -शिक्षक दिवस
06 सितंबर-परिवर्तिनी एकादशी (स्मार्त)
07 सितंबर-डोलग्यारस, जलझूलनी एकादशी (वैष्णव )
09 सितंबर -अनंत चतुर्दशी, गणपति बप्पा विसर्जन
10 सितंबर -पितृ पक्ष आरंभ, श्राद्ध प्रारम्भ, पूर्णिमा व्रत
17 सितंबर -जीवित पुत्रिका व्रत, अशोकाष्टमी
21 सितंबर-इंदिरा एकादशी
25 सितंबर -सर्वपितृ अमावस्या, श्राद्ध समाप्त
26 सितंबर -शरदीय नवरात्रि आरंभ, घटस्थापना, महाराजा अग्रसेन जयंती
ऋषि पंचमी (01 सितंबर)
ऋषि पंचमी सप्त ऋषियों को समर्पित है। यह व्रत भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को किया जाता है। इस दिन सप्तऋषियों की विशेष पूजा की जाती है। इस दिन गंगा स्नान करने के साथ ही दान देने का भी विशेष महत्व होता है।
श्री राधा अष्टमी, महालक्ष्मी व्रत (04 सितंबर)
कहा जाता है कि भगवान कृष्ण के जन्म के ठीक 15 दिन बाद राधाजी का जन्म हुआ था। इसलिए भाद्रपद शुक्ल अष्टमी के दिन महालक्ष्मी व्रत भी रखते हैं। यह व्रत 16 दिनों तक चलता है। इसकी शुरुआत 3 सितंबर से होगी और समापन 17 सितंबर को होगा।
परिवर्तिनी एकादशी (06 सितंबर)
हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को परिवर्तिनी एकादशी व्रत रखा जाता है। इस व्रत का पारण द्वादशी के दिन मुहूर्त में किया जाता है। इस साल 06 सितंबर को परिवर्तिनी एकादशी व्रत रखा जाएगा।
जलझूलनी एकादशी (07 सितंबर)
भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को जलझूलनी एकादशी कहा जाता है। इस एकादशी को पद्मा एकादशी और डोल ग्यारस भी कहते हैं। इस बार जलझूलनी एकादशी का व्रत 07 सितंबर, बुधवार को रखा जाएगा।
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अनंत चतुर्दशी (09 सितंबर)
अनंत चतुर्दशी का व्रत भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को रखा जाता है। इस व्रत को करने से व्यक्ति को मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस दिन गणेश जी का विसर्जन भी किया जाता है।
पितृ पक्ष आरंभ (10 सितंबर)
हिंदू पंचांग के अनुसार पितृ पक्ष करीब 16 दिनों का होता हैं। पितृ पक्ष या श्राद्ध की शुरुआत भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से आरंभ होता है और आश्विन मास की अमावस्या तिथि को समाप्त होते हैं।
जीवित पुत्रिका व्रत (17 सितंबर)
अपने बच्चों की लंबी आयु के लिए जीवित्पुत्रिका का व्रत रखा जाता है। आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को किया जाता है। इसे जितिया व्रत के नाम से भी जाना जाता है। यह व्रत निर्जला रखा जाता है।
श्राद्ध समाप्त (25 सितंबर)
पितृ पक्ष का समापन अमावस्या तिथि को किया जाता है दो इस बार 25 सितंबर को है। इस दिन जो श्राद्ध किया जाता है उसे महालया सर्वपितृ श्राद्ध कहा जाता है।
शरदीय नवरात्रि आरंभ (26 सितंबर)
इस साल शारदीय नवरात्रि के व्रत की शुरुआत 26 सितंबर से होगी और 5 अक्टूबर को इसका समापन किया जाएगा। शारदीय नवरात्रि की शुरुआत शुक्ल पक्ष से शुरू होती है।
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