Highlights
- विनायक चतुर्थी सावन के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाई जाती है
- आज के दिन गणपति की पूजा करने से सब विघ्न दूर होते हैं
Sawan Vinayak Chaturthi 2022: सावन का महीना शिव जी को समर्पित है। इस महीने में शिव जी के साथ साथ पार्वती जी की भी पूजा की जाती है। लेकिन उनके साथ ही शिव-पार्वती के पुत्र गजानन की भी सावन के महीने में पूजा की जाती है। आज विनायक श्रीगणेश चतुर्थी व्रत है हर महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक श्री गणेश चतुर्थी मनाई जाती है। आज के दिन भगवान गणेश की पूजा का विधान है। हमारी संस्कृति में गणेश जी को प्रथम पूजनीय का दर्जा दिया गया है। किसी भी देवी-देवता की पूजा से पहले भगवान श्री गणेश की पूजा का ही विधान है और आज तो स्वयं गणपति जी का दिन है।
बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता
गणेश जी को बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता के रूप में पूजा जाता है। गणेश जी की उपासना शीघ्र फलदायी मानी गयी है आज के दिन गणेश जी के निमित्त व्रत करने से व्यक्ति की समस्त इच्छाओं की पूर्ति होती है। साथ ही हर तरह के संकटों से छुटकारा मिलता है। जो भक्त आज के दिन उनकी उपासना और पूजा करता है उसे ज्ञान की प्राप्ति होती है और धन-संपत्ति में भी बढ़ोतरी होती है। ऐसी मान्याता है कि जो लोग विनायक चतुर्थी के दिन सच्चे मन से भगवान गणेश की पूजा विधि विधान से करते हैं, उनके जीवन में कभी कोई संकट नहीं आता है। वैसे तो हर महीने पड़ने वाली गणेश चतुर्थी का महत्व है,लेकिन सावन माह के गणेश चतुर्थी का अपना अलग महत्व है, क्योंकि सावन माह में गणेश जी की पूजा की जाती है।
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सावन विनायक चतुर्थी व्रत 2022 का मुहूर्त
विनायक चतुर्थी तिथि की शुरुआत- 1 अगस्त 2022, सोमवार को प्रात काल 4 बजकर 18 मिनट पर
विनायक चतुर्थी तिथि समाप्त - 2 अगस्त 2022, मंगलवार को प्रात काल 5 बजकर 13 मिनट तक.
गणेश पूजा का शुभ मुहूर्त - 11.06 AM - 1.48 PM (1 अगस्त 2022)
अभिजीत मुहूर्त - 12.00 PM - 12.54 PM
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सावन विनायक चतुर्थी पूजा की विधि
इस शुभ मुहूर्त में यदि आप कोई कार्य शुरू करते हैं तो उसमें अवश्य सफलता मिलेगी।सावन विनायक चतुर्थी व्रत के दिन प्रातः काल उठकर दैनिक कार्य से निवृत्त होकर स्नान करें। अब पूजा स्थल पर भगवान गणेश का स्मरण करते हुए व्रत का संकल्प लें। पूजा की चौकी पर चौकी पर पीला कपड़ा बिछाएं एवं उस पर गणपति की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। भगवान विघ्नहर्ता का पूजन करें, उन्हें रोली, मौली, जनेऊ, दूर्वा, पुष्प, पंचमेवा, पंचामृत, चावल, मोदक, मोतीचूर के लड्डू, नारियल अर्पित करें। भोग, धूप, दीप लगाकर गणेश चालीसा का पाठ या फिर गणेश जी के बीज मंत्र का 108 बार जाप करें। विनायक चतुर्थी की कथा का श्रवण करें और गणेश जी की आरती कर प्रसाद सभी में बांट दें गं गणपतये नमः।
गणपति बाप्पा देते हैं आशीर्वाद
सावन महीने के गणेश चतुर्थी के दिन विघ्नहर्ता गणेश जी की पूजा करने से और उनका मंत्र जाप करने से व्यक्ति को सफलता जरूर मिलेगी। ऐसी मान्यता है कि जो भक्त सावन माह के गणेश चतुर्थी के दिन विघ्नहर्ता गणेश जी की पूजा करता है उसके जीवन में कभी कोई संकट नहीं आता है और उसके जीवन में हमेशा मंगल ही मंगल होता है।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। । इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।