Sawan Praodosh Vrat 2024: आज सावन माह का पहला प्रदोष व्रत है। इस दिन भगवान शिव की आराधना करने से सभी मनोकानाओं की पूर्ति होती है। बता दें कि प्रत्येक महीने की कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत करने का विधान है। आज के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। शिव भक्तों में इस व्रत का काफी महत्व है। इस दिन नित्य कर्मों से निवृत्त होने के बाद शिव जी की उपासना करनी चाहिए। आज के दिन भगवान शिव को बेल पत्र, पुष्प, धूप-दीप और भोग आदि चढ़ाने के बाद शिव मंत्र का जप करना चाहिए।
बता दें कि प्रदोष व्रत सप्ताह के जिस दिन पड़ता उसका नाम उसी दिन के हिसाब से रखा जाता है। जैसे सोमवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को सोम प्रदोष के नाम से जाना जाता है। इस बार सावन माह का पहला प्रदोष व्रत गुरुवार को रखा जाएगा इसलिए इसे गुरु प्रदोष के नाम से जाना जाएगा। अलग-अलग दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत का महत्व भी अलग-अलग होता है।
सावन प्रदोष व्रत 2024 शुभ मुहूर्त
- सावन कृष्ण त्रयोदशी तिथि आरंभ - 1 अगस्त 2024 को दोपहर 3 बजकर 28 मिनट से
- सावन कृष्ण त्रयोदशी तिथि समाप्त - 2 अगस्त 2024 दोपहर 3 बजकर 26 मिनट पर
- सावन प्रदोष व्रत 2024 तिथि- 1 अगस्त 2024
- प्रदोष व्रत पूजा मुहूर्त - 1 अगस्त को रात 7 बजकर 12 मिनट से रात 9 बजकर 18 मिनट तक
प्रदोष व्रत का महत्व
किसी भी प्रदोष व्रत में प्रदोष काल का बहुत महत्व होता है। त्रयोदशी तिथि में रात्रि के प्रथम प्रहर यानि सूर्यास्त के बाद के समय को प्रदोष काल कहते हैं। कहते हैं आज के दिन जो व्यक्ति व्रत कर भगवान शंकर की पूजा करता है और किसी भेंट के साथ शिव प्रतिमा के दर्शन करता है, उसपर भगवान शिव की कृपा सदैव बनी रहती है। ऐसे में प्रदोष व्रत के दिन रात के पहले प्रहर में शिवजी को कुछ न कुछ भेंट अवश्य करना चाहिए। गुरु प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति को शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है। प्रदोष व्रत करने से देवों के देव महादेव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। साथ ही इस व्रत को करने से सभी परेशानियों से छुटकारा मिलता है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
ये भी पढ़ें-