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Sawan Masik Shivratri 2024: सावन के महीने में इस दिन है मासिक शिवरात्रि, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त, विधि और महत्व

Sawan Masik Shivratri 2024: सावन के महीने में मासिक शिवरात्रि का पर्व कब आएगा और इस दिन किस मुहूर्त में शिव आराधना करना शुभ रहेगा, आइए विस्तार से जानते हैं।

Written By: Naveen Khantwal
Published on: July 25, 2024 6:00 IST
सावन मासिक शिवरात्रि 2024- India TV Hindi
Image Source : FILE सावन मासिक शिवरात्रि 2024

Sawan Masik Shivratri 2024: सावन का महीना शिव आराधना के लिए बेहद पवित्र माना जाता है। इस महीने के दौरान जो मासिक शिवरात्रि का पर्व आता है उसे भी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। शिव भक्त इस दिन व्रत रखते हैं और भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। साथ ही शिव मंदिरों में भी इस दिन भक्तों का तांता लगा रहता है। ऐसे में आइए जान लेते हैं कि साल 2024 में सावन मासिक शिवरात्रि कब है, इसका शुभ मुहूर्त कब होगा और इस दिन पूजा की विधि क्या होगी।

सावन शिवरात्रि 2024

साल 2024 में सावन मासिक शिवरात्रि का व्रत 2 अगस्त को रखा जाएगा। मासिक शिवरात्रि का त्योहार कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को रखा जाता है। 2 अगस्त को चतुर्दशी तिथि दोपहर 3 बजकर 27 मिनट से शुरू होगी और 3 अगस्त को 3 बजकर 51 मिनट तक रहेगी। चतुर्दशी तिथि में रात्रि काल 2 अगस्त को ही होगा इसलिए मास शिवरात्रि का व्रत 2 अगस्त को ही रखा जाएगा। 

पूजा का शुभ मुहूर्त 

पूजा के लिए शुभ मुहूर्त: 2 अगस्त 2024, शाम 7:00 बजे से रात्रि 8:30 बजे तक

पूजा विधि

सावन शिवरात्रि की पूजा विधि इस प्रकार है:

1. व्रत और स्नान:

        शिवरात्रि के दिन प्रातःकाल जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
          इसके बाद शिवरात्रि के व्रत का संकल्प लें।

2. पूजा की तैयारी:
    पूजा स्थल को स्वच्छ करें और गंगाजल छिड़कर इस स्थान को शुद्ध करें।
    पूजा के लिए भगवान शिव की मूर्ति या शिवलिंग स्थापित करें।
    शिवलिंग को पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर) से स्नान कराएं। इसके साथ ही स्नान करवाने को बाद अंत में शुद्ध जल डालें।

3. पूजन सामग्री:
    पुष्प, भांग, धतूरा, चंदन, अक्षत, रोली, धूप, नैवेद्य (फल, मिठाई), दीपक, पान, सुपारी, बिल्व पत्र, और दक्षिणा।

पूजा विधि:

  •      भगवान शिव को गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद, और शक्कर से स्नान कराएं।
  •      शिवलिंग पर बिल्व पत्र, पुष्प, भांग, और धतूरा अर्पित करें।
  •      धूप और दीप जलाकर भगवान शिव की आरती करें, इसके साथ ही शिव मंत्रों का भी आप जप कर सकते हैं।
  •      नैवेद्य अर्पित करें और प्रसाद बांटें।
  •      दिनभर उपवास रखें और भगवान शिव के भजन-कीर्तन करें।
  •      रात्रि में जागरण करें और संभव हो तो शिवपुराण का पाठ करें।
  •      व्रत रखने वालों को गलती से भी दिन में नहीं सोना चाहिए। 
  •      इस दिन प्रात:काल में भले ही सामान्य रूप से भगवान शिव की पूजा आप कर सकते हैं, लेकिन शाम के समय पूरे विधि विधान से पूजा करें। 

व्रत का पारण:
   अगले दिन प्रातःकाल भगवान शिव की पूजा-अर्चना के बाद व्रत का पारण करें।

सावन शिवरात्रि का व्रत और पूजा करने से भगवान शिव की असीम कृपा आपको प्राप्त होती है और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आप प्राप्त करते हैं। 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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