Highlights
- कल मासिक दुर्गाष्टमी है
- सावन की दुर्गाष्टमी है बेहद ख़ास
- इस दिन व्रत करने से माँ होती हैं खुश
Sawan Durga Ashtami 2022: हर महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को दुर्गा अष्टमी व्रत रखा जाता है। सावन महीने की दुर्गा अष्टमी का व्रत 5 अगस्त, 2022 को है। वैसे तो हर महीने की दुर्गा अष्टमी खास होती है, लेकिन सावन में पड़ने वाली दुर्गा अष्टमी का शास्त्रों में खास महत्व बताया गया है। 5 अगस्त को मां दुर्गा के साथ-साथ भगवान शिव की पूजा की जाएगी। दुर्गाष्टमी के दिन व्रत रखा जाता है और मां दुर्गा की विधि विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। इस दिन श्रद्धा के साथ कोई भी व्यक्ति मां दुर्गा की उपासना करता है देवी मां दुर्गा उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं। आइए जानते हैं सावन मास की दुर्गा अष्टमी व्रत के बारे में।
दुर्गा अष्टमी की तिथि
सावन मास के शुक्ल पक्ष की दुर्गा अष्टमी 5 अगस्त, शुक्रवार को है। हिंदू पंचांग के मुताबिक अष्टमी तिथि की शुरुआत 5 अगस्त को सुबह 5 बजकर 6 मिनट से हो रही है। वहीं 6 अगस्त को सुबह 3 बजकर 56 मिनट पर अष्टमी तिथि का समापन होगा।
मां दुर्गा की पूजा
दुर्गाष्टमी के दिन जल्दी उठाकर नहा धो लें और जिस जगह पूजा करनी है, उस स्थान पर गंगाजल डालकर उसकी शुद्धि करें। पूजा के दौरान मां दुर्गा का गंगा जल से अभिषेक करें। पूजा के लिए लाल रंग के आसन पर बैठें। इसके बाद मां के सामने घी का दीया जलाएं। पूजन के वक्त अपना मुख पूर्व की ओर रखें और पूजा की सामग्री दक्षिण-पूर्व दिशा में रखें। इसके बाद मां दुर्गा की पूजा-अर्चना करें। आखिरी में मां दुर्गा की आरती करें। ऐसी मान्यता है कि ऐसे पूजा करने से मां दुर्गा खुश होती हैं और अपने भक्तों की हर मनोकामना पूरी करती है। दुर्गा अष्टमी व्रत करने से घर में खुशहाली और सुख समृद्धि आती हैं।
दुर्गाष्टमी का महत्व
इस दिन मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखा जाता है। इस दिन मां दुर्गा की विधि विधान से पूजा करने पर हर मनोकामना की पूर्ति होती है। इस दिन भक्त दिव्य आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए व्रत भी रखते हैं। इस दिन व्रत व पूजा करने से मां जगदंबा का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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मासिक दुर्गा अष्टमी पर क्या करना चाहिए?
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मासिक दुर्गा अष्टमी के दिन कन्याओं का भोजन करना शुभ माना गया है। ऐसे में इस दिन मां दुर्गा की पूजा-अर्चना के बाद 9 कन्याओं को भोजन कराएं। अगर 9 कन्याओं को भोजन कराना संभव नहीं हो, तो एक कन्या को घर बुलाकर, उन्हें भोजन कराएं और चुनरी भेंट करें। ऐसा करने से मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- दुर्गा अष्टमी के दिन मंदिर जाकर मां दुर्गा को लाल चुनरी में मखाने, बताशे और कुछ सिक्के रखकर उन्हें अर्पित करें। साथ ही मां दुर्गा को खीर और मालपुए का भोग लगाएं। ऐसा करने से मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होगा।
- इस दिन सुहागिन महिलाओं को श्रृंगार की वस्तुएं दी जाती हैं। मान्यता है कि इस दिन सुहागिन महिला को श्रृंगार का सामान अर्पित करने से माँ आशर्वाद देती हैं जिससे जीवन के सारे दुःख दूर होते हैं।
- दुर्गा अष्टमी के दिन मां दुर्गा के साथ शिवलिंग की पूजा करने से माँ के साथ-साथ भोलेनाथ का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है। ऐसे में इस दिन मां दुर्गा और भगवान शिव की पूजा करते समय तुलसी, दुर्वा और मदार के फूल का इस्तेमाल नहीं किया जाता है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इंडिया टीवी इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)