Sawan 7th Somwar Vrat 2023: आज सावन माह का सातवां सोमवार का व्रत रखा जा रहा है। इसके अलावा आज नाग पंचमी का पर्व भी मनाया जाएगा। हर साल सावन शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी मनाई जाती है। इस दिन नाग देवताओं की पूजा की जाती है। कहते हैं कि विधिवत नाग पंचमी की पूजा और कुछ विशेष उपाय को करने से काल सर्प दोष और सर्प दंश से छुटकारा मिलता है। वहीं सावन सोमवार के दिन उपवास रखने और भोलेनाथ की आराधना करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
सावन के सातवें सोमवार पर बना रहा है शुभ योग
इस बार सावन सोमवार पर अन्य कई और शुभ संयोग भी बन रहे हैं। नाग पंचमी के अलावा सोमवार को शुभ और शुक्ल योग बन रहा है और चित्रा नक्षत्र भी रहेगा। ऐसे में माना जा रहा है कि यह सावन सोमवार अत्यंत फलदायी होगा। आपको बता दें कि शिवजी ने अपने गले में वासुकी नाग को लपेटा हुआ है। कहते हैं कि नाग वासुकी भोलेनाथ के सबसे बड़े भक्त थे इसलिए शिवजी ने उन्हें अपने गले में जगह दिया है। ऐसे में आज के दिन महादेव और नाग देवता की पूजा करने से जातक को हर सुख की प्राप्ति होगी। साथ ही जीवन की समस्त समस्याओं से भी मुक्ति मिलेगी।
सावन सोमवार का महत्व
सावन सोमवार के दिन भगवान शिव के निमित्त व्रत किया जाता है और उनकी विशेष रूप से पूजा-अर्चना की जाती है। आज के दिन भगवान शिव की पूजा करके लाभ पाने का अच्छा मौका है। सावन के सोमवार का यह व्रत विशेषकर कन्याओं के लिए लाभप्रद है। अगर कन्याएं आज के दिन भगवान शिव के निमित्त व्रत करें और उनकी विधि-विधान से पूजा करें तो उनको जल्द ही एक अच्छे और सुयोग्य वर की प्राप्ति होगी। साथ ही विवाहिता आज के दिन अपने दाम्पत्य जीवन में खुशहाली लाने के लिए व्रत रख भगवान शिव की उपासना करती है।
सावन सोमवार पूजा विधि
- सावन सोमवार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद साफ वस्त्र धारण करें।
- सोमवार के दिन काले रंग का कपड़े बिल्कुल न पहनें। सफेद, हरा, केसरिया या लाल-पीला रंग शुभ माना जाता है।
- शिवलिंग पर जल या गंगाजल और कच्चा दूध चढ़ाएं।
- शिवलिंग पर चीनी, मिश्री, शहद, पंचामृत, सुपारी बेलपत्र, भांग, धतूरा, शमी के पत्ते, फल, फूल, सफेद या पीली चंदन और अन्य पूजा सामग्री अर्पित करें।
- शिव जी के सामने घी या तेल का दीपक जलाएं।
- शिव चालीसा का पाठ करें।
- अब शिवजी की आरती करें।
- भगवान शिव का मंत्र जाप करें।
इन शिव मंत्रों का करें जाप
- ऊँ हौं जूं स: ऊँ भुर्भव: स्व: ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। ऊर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ऊँ भुव: भू: स्व: ऊँ स: जूं हौं ऊँ।।
- ॐ नमः शिवाय।
नाग पंचमी पूजा विधि
नाग पंचमी के दिन दीवार पर गेरू पोतकर पूजा का स्थान बनाएं। इसके अलावा अपने घर के प्रवेश द्वार पर नाग देवता की तस्वीर भी लगाएं। नाग देवता की पूजा सुगंधित पुष्प, कमल और चंदन से करनी चाहिए। इस दिन घर में खीर बनाएं और ब्राह्मणों को घर बुलाकर भोजन कराएं। इसके साथ ही इस भोजन को भगवान को भी अर्पित करें। इस धार्मिक अनुष्ठान को करने के बाद इस खीर को प्रसाद के रूप में भी ग्रहण किया जाता है। अगर आपके आसपास सपेरे हैं तो उन्हें दूध और पैसे दें।
नाग पंचमी के दिन नाग देवता की प्रत्यक्ष पूजा के अलावा घर के पूजा स्थल पर दरवाजे पर गाय के गोबर से आठ नागों की आकृति बनाकर उनकी विधिवत पूजा करनी चाहिए। जल से अभिषेक कर पुष्प, हल्दी, रोली, अक्षत, घी, गुण अर्पित करें। इस दिन अनंत, वासुकि, पद्म, महापद्म, तक्षक, कुलीर, कर्कट, शंख, कालिया और पिंगल नाग देवता की पूजा का विधान है। इन नागों की पूजा से राहु-केतु के अशुभ प्रभाव को शांत किया जा सकता है।
नाग पंचमी शुभ मुहूर्त 2023
- सावन शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि आरंभ- 21 अगस्त 2023 को रात 12 बजकर 21 मिनट से
- पंचमी तिथि आरंभ समाप्त- 22 अगस्त 2023 को रात 2 बजे
- नाग पंचमी की तिथि- 21 अगस्त 2023
- पूजा के लिए शुभ मुहूर्त - 21 अगस्त को सुबह 05 बजकर 53 मिनट से सुबह 08 बजकर 30 मिनट तक
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। इंडिया टीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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