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Sawan 2024 Somwar Vrat Puja Vidhi: सावन के तीसरे सोमवार के दिन इस विधि और मंत्रों के जाप के साथ करें भगवान शिव की पूजा, मनोवांछित फलों की होगी प्राप्ति

Sawan 2024: 5 अगस्त को सावन का तीसरा सोमवार है। इस दिन भोले बाबा की विधिपूर्वत पूजा-अर्चना करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। तो यहां जान लीजिए सावन सोमवार पूजा विधि, मंत्र और महत्व के बारे में।

Written By: Vineeta Mandal
Published on: August 04, 2024 18:24 IST
Sawan Somwar Vrat 2024- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Sawan Somwar Vrat 2024

Sawan Third Somwar Vrat 2024: सावन का पूरा महीना ही भोलेनाथ की भक्ति के लिए समर्पित है लेकिन शास्त्रों में इस माह में पड़ने वाले सोमवार का अत्यधिक महत्व बताया गया है। सावन सोमवार के दिन उपवास रखने और विधिपूर्वक भगवान शिव के साथ माता गौरी की पूजा करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। अब तक सावन मास के दो सोमवार के व्रत पूरे हो चुके हैं। 5 अगस्त को सावन का तीसरा सोमवार का व्रत रखा जाएगा। तो आइए जानते हैं कि पूजा विधि, मंत्र और महत्व के बारे में।

सावन सोमवार व्रत महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन के सोमवार के दिन जो कन्याएं व्रत रख भगवान शिव की पूजा अर्चना करती हैं उन्हें सुयोग्य और मनचाहे वर की प्राप्ति होती है। साथ ही जो विवाहित महिलाएं सावन सोमवार का व्रत रखती हैं उनका दांपत्य जीवन सुखमय होता है और घर में सुख समृद्धि बनी रहती है।

सावन सोमवार के दिन भगवान शिव के इन मंत्रों का करें जाप 

शिव जी के मंत्र

  • नमो नीलकण्ठाय।
  • ॐ पार्वतीपतये नमः।
  • कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम् । सदा बसन्तं हृदयारबिन्दे भबं भवानीसहितं नमामि ।।

महामृत्युंजय मंत्र- 

  • ऊँ हौं जूं स: ऊँ भुर्भव: स्व: ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। ऊर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ऊँ भुव: भू: स्व: ऊँ स: जूं हौं ऊँ।।

शिव जी का मूल मंत्र

ऊँ नम: शिवाय।।

सावन के तीसरे सोमवार के दिन इस विधि के साथ करें भगवान शिव की पूजा

  • सावन सोमवार के दिन प्रात:काल उठकर स्नान आदि कर साफ वस्त्र पहन लें।
  • इसके बाद मंदिर को साफ कर गंगाजल छिड़क लें।
  • हाथ में जल लेकर व्रत का संकल्प लें।
  • शिवलिंग पर जल या गंगाजल और कच्चा दूध चढ़ाएं।
  • शिवलिंग पर चीनी, मिश्री, शहद, पंचामृत,  सुपारी बेलपत्र, भांग, धतूरा, शमी के पत्ते, फल, फूल, सफेद या पीली चंदन  और अन्य पूजा सामग्री अर्पित करें।
  • माता पार्वती को सुहाग की चीजें जैसे- सिंदूर, बिंदी आलता औ चूड़ी आदि चढ़ाएं।
  • अब भगवान शिव और माता पार्वती के सामने घी या तेल का दीपक जलाएं।
  • पूजा के बाद शिव चालीसा का पाठ करें और मंत्रों का जाप जरूर करें।
  • फिर शिवजी की आरती अवश्य करें। 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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