Sawan 2024 Shivling Puja Niyam: हिंदू धर्म में पूजा-पाठ का विशेष महत्व है। शिवलिंग की नियमित पूजा और प्रतिदिन जल चढ़ाने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। शिवलिंग को भगवान शंकर की ऊर्जा और शक्ति का प्रतीक माना जाता है। इसके अलावा शिवलिंग को शून्य, आकाश, अनंत, ब्रह्मांड और निराकार परमपुरुष का प्रतीक भी माना जाता है। सोमवार का दिन भगवान शंकर को समर्पित है। इस दिन भक्त विशेष रूप से शिवलिंग की पूजा करते हैं। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कोई कठिन पूजा नहीं है। शिव सिर्फ एक लोटे जल से ही प्रसन्न हो जाते हैं। लेकिन शिवलिंग की पूजा के दौरान कुछ नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है, खासकर महिलाओं के लिए ऐसे कई नियम बताए गए हैं जिनका उन्हें पालन करना चाहिए। आइए ज्योतिषी चिराग बेजान दारूवाला से जानते हैं शिवलिंग पूजा के सही नियम के बारे में।
स्त्रियों को शिवलिंग की पूजा कैसे करनी चाहिए?
स्त्रियों को प्रतिदिन शिव की पूजा करनी चाहिए और कम से कम हर सोमवार को व्रत रखना चाहिए। प्रतिदिन सुबह स्नान के बाद शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और फिर पंचामृत से स्नान कराएं। फिर अक्षत, फल, फूल चढ़ाएं। भगवान शिव की पूजा में बेलपत्र को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है, इसलिए पूजा सामग्री में बेलपत्र को भी शामिल करें।
महिलाएं नंदी मुद्रा में करें शिवलिंग की पूजा
ज्योतिष शास्त्र में शिवलिंग को पुरुष तत्व माना जाता है। ऐसे में महिलाओं के लिए इसका स्पर्श वर्जित माना जाता है। हालांकि, जो महिलाएं अपनी भक्ति के कारण शिवलिंग को छूना चाहती हैं, उन्हें नंदी मुद्रा में ही इसे छूना चाहिए।
नंदी मुद्रा क्या है?
ज्योतिष शास्त्र में नंदी मुद्रा वह होती है, जिसमें व्यक्ति नंदी जी की तरह बैठता है। इस मुद्रा में पहली और आखिरी उंगली सीधी रखी जाती है, जबकि बीच की दो उंगलियां अंगूठे से जुड़ी होती हैं। इस मुद्रा में भगवान शंकर की पूजा करने से वे बहुत प्रसन्न होते हैं। साथ ही जीवन की सभी बाधाएं समाप्त हो जाती हैं। इस अवस्था में मांगी गई हर मनोकामना भगवान शिव की कृपा से पूरी होती है। इसलिए महिलाओं को इसी मुद्रा में पूजा करनी चाहिए।
शिवलिंग की पूजा का महत्व
हिंदू धर्म में शिवलिंग की पूजा को विशेष महत्व दिया गया है। मान्यता है कि शिवलिंग की पूजा करने से भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और मनचाहा फल प्राप्त होता है। मान्यता है कि अविवाहित महिलाओं के अलावा विवाहित महिलाओं द्वारा शिवलिंग को छूने से माता पार्वती नाराज हो सकती हैं, जिसके कारण पूजा का विपरीत परिणाम हो सकता है। इसलिए कहा जाता है कि महिलाओं को शिव की मूर्ति के रूप में ही पूजा करनी चाहिए। जो महिलाएं अपनी श्रद्धा के अनुसार शिवलिंग को छूना चाहती हैं, उन्हें नंदी मुद्रा में ही स्पर्श करना चाहिए।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
ये भी पढ़ें-
सोलह सोमवार का व्रत कब से शुरू कर सकते हैं? कौनसा महीना होता है सबसे उत्तम, जानें सही पूजा विधि