Sawan 2023: भगवान शिव जो सभी देवों से बिल्कुल अलग है। उनके तन पर कोई गहने-जेवरात नहीं है और न ही उन्हें 56 भोग लगाए जाते हैं। महादेव तो भक्तों के दिलों में राज करते हैं। भोलेनाथ एक लोटा जल और 2 बेलपत्र में ही प्रसन्न हो जाते हैं। कहा जाता है कि शिवजी अपने भक्तों से शीघ्र खुश हो जाते हैं और उन्हें मनचाहा वरदान दे देते हैं। इसी वजह से उन्हें भोला या भोलेनाथ कहा जाता है। देवों के देव महादेव का स्वरूप भी सभी देवताओं से बिल्कुल अलग है। उनके गले में सांप लिपटा, सिर पर त्रिनेत्र, हाथों में त्रिशुल-डमरू, वाहन नंदी और तन पर भस्म लगा हुआ है। शिवजी के इस रूप के पीछे कई वजह छिपी हुई है। इसी में से एक है कि उनके गले में आखिर सांप क्यों लिपटा रहता है। तो आइए जानते हैं इससे जुड़ी पौराणिक कथा के बारे में।
भगवान शिवजी के गले में क्यों लिपटा रहता है सांप?
अक्सर लोगों के मन में सवाल उठता है कि आखिर क्यों महादेव के गले में सांप लिपटा रहता है। प्रचलित पौराणिक कथा के अनुसार, नागों के देवता माने जाने वाले नागराज वासुकी भगवान भोलेनाथ के परम भक्त थे। कथा के मुताबिक, समुद्र मंथन के समय नाग वासुकी का रस्सी के रूप में उपयोग किया गया था। वासुकी जी को एक तरफ से देवताओं ने जबकि दूसरी ओर से असुरों ने पकड़ा हुआ था। समुद्र मंथ के दौरान कई चीजें निकली थी जिसका वितरण असुरों और देवताओं के बीच किया गया था। वहीं समुद्र मंथन से विष भी निकला था और संसार को बचाने के लिए उस विष को शिवजी ने ग्रहण किया था। समुद्र मंथन के दौरान नागराज वासुकी बुरी तरह घायल हो गए थे, तब शिवजी ने उनकी भक्ती को देखकर उन्हें अपने गले में स्थान दिया।
नाग वासुकी से जुड़ी मान्यताएं
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, नागराज वासुकी को शेषनाग का भाई माना जाता है। उन्हें शिवजी के प्रिय भक्त और सेवक के रूप में जाना जाता है। कहते हैं कि जब वासुदेव श्री कृष्ण को टोकरी में रखकर यमुना नदी पार कर रहे थे तब नाग वासुकी ने ही अपने फन की मदद से कान्हा जी की भारी बारिश से सुरक्षा की थी।
सावन 2023 की डेट
इस साल सावन 2 महीने का रहेगा, जिसकी शुरुआत 4 जुलाई 2023 से हो रही है। सावन में शिवजी की पूजा और सोमवार व्रत का विशेष महत्व है। इस महीने में जो भी व्यक्ति सच्चे दिल से भोलनाथ की पूजा करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। बता दें कि सावन 31 अगस्त 2023 को खत्म होगा है। वहीं इस बार सावन में 8 सोमवार का व्रत रखा जाएगा।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। इंडियाटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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