Saubhagya Sundari Vrat: सौभाग्य सुंदरी व्रत को शादीशुदा महिलाएं रखती हैं। हिंदू धर्म में इस व्रत का बहुत अहम स्थान है। हिन्दू पंचांग के अनुसार , हर साल मार्गशीर्ष महीने के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को यह व्रत किया जाता है। सौभाग्य सुंदरी व्रत भगवान शंकर और माता पार्वती को समर्पित है, इसलिए इस दिन उनकी पूजा की जाती हैं। धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक, अगर शादीशुदा महिलाएं यह व्रत रखें तो उन्हें अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। यह व्रत करने से दांपत्य जीवन में मिठास बढ़ती है और मांगलिक दोष का भी निवारण होता है। तो चलिए अब आपको अब इस व्रत का पूजा मुहूर्त और महत्व के बारे में बताते हैं।
शुभ मुहूर्त?
हिन्दू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष महीने के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि 11 नवंबर को समाप्त हो रहा है। इसलिए 11 नवंबर को सौभाग्य सुंदरी व्रत रखा जाएगा। इस व्रत के पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 9 बजकर 22 मिनट से सुबह 10 बजकर 43 मिनट तक है। साथ ही इस वर्ष सौभाग्य सुंदरी व्रत के मौके पर शिव और सिद्ध योग बन रहे हैं। शुभ कार्यों के के लिए ये दोनों योग बेहद शुभ माने जाते हैं।
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पूजा-विधि?
सौभाग्य सुंदरी तीज पूजा करते समय भगवान शिव परिवार के साथ नौ ग्रहों की भी पूजा की जाती है। इस दिन भक्त देवी पार्वती को अर्पित करने के लिए एक विशेष भोग तैयार किए जाते हैं। पूजा के पश्चात दान इत्यादि कार्य भी किया जाता है। सौभाग्य सुंदरी तीज के दिन महिलाएं उपवास रखती हैं, सभी पूजा अनुष्ठानों को पूरा करने के बाद व्रत संपन्न होता है। इस व्रत को महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख समृद्धि के लिए करती हैं। अब भोलेनाथ और माता पार्वती की विधि के अनुसार पूजा करें। पूजा करने के बाद भगवान शिव की आरती भी करें।
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महादेव को बेलपत्र, माता पार्वती को सुहाग सामग्री चढ़ाएं
यह व्रत पति की लंबी उम्र के लिए रखा जाता है। इसलिए पूजा करते समय माता पार्वती को सुहाग की सामग्री, चूड़ियां और चुनरी चढ़ाएं। साथ ही महादेव को धतूरा और बेलपत्र चढ़ाएं। यह व्रत रखने से आपको अखंड सौभग्य की प्राप्ति होगी और शादीशुदा जीवन में चल रहीं परेशानियां दूर होंगी।