Saubhagya Sundari Vrat: सौभाग्य सुंदरी व्रत वैवाहिक एवं सुखी जीवन की प्राप्ति हेतु किया जाने वाला एक महत्वपूर्ण पर्व होता है। इस दिन को 'सौभाग्य सुंदरी व्रत या सौभाग्य सुंदरी तीज के नाम से भी जाना जाता है, उत्तर एवं दक्षिण भारत में विवाहित महिलाओं द्वारा मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह पारंपरिक हिंदू पंचांग अनुसार मार्गशीर्ष महीने के दौरान 'कृष्ण पक्ष' की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। तृतीया तिथि, माता गौरी की जन्म तिथि मानी जाती है। माँ पार्वती ने इसी तिथि में घोर तपस्या कर शंकर जी को वर-रूप में प्राप्त किया था इसके बाद गणेश और कार्तिक दो बेटे प्राप्त हुए तभी से मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को सौभाग्य सुंदरी की व्रत पूजा होती है।
ऐसे करें पूजा
सौभाग्य सुंदरी व्रत के दिन भक्त सूर्योदय पूर्व उठकर स्नान कार्य करने के पश्चात व्रत के अनुष्ठान कार्य आरंभ हो जाते हैं। विवाहित महिलाएं इस दिन सोलह शृंगार करती हैं तथा देवी माँ को भी सौभाग्य की समस्त वस्तुओं को अर्पित किया जाता है। सौभाग्य सुंदरी तीज के अवसर पर, विवाहित महिलाएं माता पार्वती की पूजा करती हैं। पूजा स्थल पर लकड़ी की चौकी रखें और उसके ऊपर भगवान शिव और माता पार्वती की तस्वीर रखें, भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा विधिपूर्वक संपन्न की जाती है। मंदिर स्थल पर भगवान शिव एवं देवी की प्रतिमा को स्थापित किया जाता है। भगवान के समक्ष दीपक जलाया जाता है। मोली, रोली, चावल, सुपारी और पान अर्पित किया जाता है। पूजा के दौरान सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है।
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सौभाग्य सुंदरी तीज महत्व
सौभाग्य सुंदरी का व्रत 'तीज' और 'करवा चौथ' के समान ही महत्वपूर्ण होता है। सौभाग्य सुंदरी व्रत जीवन में सकारात्मकता और सौभाग्य लाने के लिए मनाया जाता है। महिलाएं पति और संतान सुख हेतु पूजा-अनुष्ठान कार्य करती हैं। माना जाता है कि सौभाग्य सुंदरी व्रत का पालन करने से कोई भी अपने भाग्य को अच्छे के लिए बदल सकता है और एक सुखी और सफल जीवन जी सकता है। अविवाहित कन्याएं इस व्रत को कर सकती हैं। इस व्रत को विवाह दोष से मुक्त होने और विवाह में देरी को दूर करने के लिए भी रखा जाता है और इसके द्वारा शुभ फलों की प्राप्ति संभव होती है। 'मांगलिक दोष' तथा कुंडली में प्रतिकूल ग्रह दोषों को समाप्त करने के लिए यह व्रत अत्यंत ही शुभ दायक बनता है। सौभाग्य सुंदरी व्रत महिलाओं के लिए 'अखंड सौभाग्य का वरदान' होता है।
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सौभाग्य सुंदरी व्रत -मंत्र
माता च पार्वती देवी पिता देवो महेश्वरा:
बान्धवाः: शिवभक्ताश्च, स्वदेशो भुवनत्रयम् ॥
- ॐ ह्रीं योगिनी योगिनी योगेश्वरी योग भयंकरी सकल
स्थावर जंगमस्य मुखं हृदयं मम वशं आकर्षय आकर्षय नमः॥
फायदे
इन मंत्रों के जाप से व्रत कर रही महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही इस मंत्र के उच्चरण से शादीशुदा जोड़ों के बीच अगाध प्रेम बढ़ता है। इन मंत्रों का नियमित जाप करने से जीवन में सफलता हासिल होती है।