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Sankashti Chaturthi 2023: रविवार को रखा जाएगा संकष्टी चतुर्थी का व्रत, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और पारण का समय

Sankashti Chaturthi Vrat 2023: संकष्टी चतुर्थी व्रत करने से भगवान गणेश मन की हर मनोकामना पूरी कर देते हैं। साथ ही जीवन की सारी दिक्कतें दूर हो जाती हैं। तो जानिए संकष्टी चतुर्थी की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त।

Written By: Vineeta Mandal
Published on: April 08, 2023 13:44 IST
Sankashti Chaturthi Vrat 2023 - India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Sankashti Chaturthi Vrat 2023

 Sankashti Chaturthi Vrat 2023: 9 अप्रैल 2023, रविवार के दिन संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा। इस व्रत को करने से भगवान गणेश भक्तों का हर दुख हर लेते हैं। आपको बता दें कि  हर माह के कृष्ण और शुक्ल, दोनों पक्षों की चतुर्थी को भगवान गणेश की पूजा का विधान है। कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी, जबकि शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को वैनायकी श्री गणेश चतुर्थी का व्रत रखा जाता है।  

संकष्टी चतुर्थी व्रत का महत्व

संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की उपासना करना काफी शुभकारी माना गया है। संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी का अर्थ होता है- संकटों को हरने वाले। भगवान गणेश बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य को देने वाले देवता माने जाते हैं हैं। इनकी पूजा शीघ्र फलदायी मानी गई है। कहते हैं कि जो व्यक्ति आज संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी व्रत करता है, उसके जीवन में चल रही सभी समस्याओं का समाधान निकलता है और उसके सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है।

संकष्टी चतुर्थी व्रत पूजा और पारण शुभ मुहूर्त

संकष्टी चतुर्थी का व्रत सुबह से लेकर शाम को चंद्रोदय होने तक किया जाता है। तृतीया तिथि रविवार सुबह 9 बजकर 35 मिनट तक ही रहेगी। उसके बाद चतुर्थी तिथि शुरू हो जाएगी, जो कल सुबह 8 बजकर 37 तक रहेगी। यानि कि चतुर्थी तिथि में चंद्रोदय होगा। इस व्रत का पारण चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद किया जाता है। चंद्रोदय रविवार रात 9 बजकर 30 मिनट पर होगा।

संकष्टी चतुर्थी व्रत पूजा विधि

  1. संकष्टी चतुर्थी के दिन प्रात:काल उठकर स्नान कर साफ वस्त्र धारण कर लें। 
  2. इसके बाद चौकी  लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाकर भगवान गणपति की तस्वीर या मूर्ति स्थापित कर दें और व्रत का संकल्प लें।
  3. अब भगवान गणेश को जल, फूल, फल, सिंदूर, अक्षत, पान, सुपारी, धूप, दीप, दुर्वा घास और लड्डू चढ़ाएं।
  4. गणपति जी के सामने घी का दीपक जलाएं और 'ॐ गं गणपतये नमः' मंत्र का जाप करें।
  5. भगवान गणेश जी की आरती करें और फिर उन्हें भोग लगाएं।
  6. संकष्टी चतुर्थी का व्रत चंद्रोदय के बाद ही खोला जाता है। 
  7. चांद निकलने से पहले गणपति जी की पूजा करें।
  8. पूजा के बाद चंद्रमा को शहद, चंदन, रोली मिश्रित दूध से अर्घ्य दें और व्रत का पारण करें।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इंडिया टीवी इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)

 

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