Sankashti Chaturthi 2024: 28 मार्च को संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा। प्रत्येक महीने के कृष्ण और शुक्ल, दोनों पक्षों की चतुर्थी को भगवान गणेश की पूजा का विधान है। कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी, जबकि शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को वैनायकी श्री गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान गणेश की उपासना बड़ी ही फलदायी मानी जाती है।कहते हैं कि जो व्यक्ति आज संकष्टी चतुर्थी का व्रत करता है, उसके जीवन में चल रही सभी समस्याओं का समाधान निकलता है और उसके सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है। वहीं बता दें कि इस व्रत का पारण चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद किया जाता है।
संकष्टी चतुर्थी व्रत 2024 शुभ मुहूर्त
- चैत्र कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि प्रारंभ- 28 मार्च को शाम 6 बजकर 56 मिनट से
- चैत्र कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि समाप्त- 29 मार्च को रात 8 बजकर 20 मिनट पर
- संकष्टी चतुर्थी व्रत तिथि- 28 मार्च 2024
- संकष्टी चतुर्थी पूजा शुभ मुहूर्त (सुबह)- 28 मार्च को सुबह 10 बजकर 54 मिनट से दोपहर 12 बजकर 26 मिनट तक
- संकष्टी चतुर्थी पूजा शुभ मुहूर्त (शाम)- 28 मार्च को शाम 5 बजकर 4 मिनट से शाम 6 बजकर 37 मिनट तक
- चंद्रोदय का समय- 28 मार्च को रात 8 बजकर 58 मिनट पर
गणेश जी के मंत्र
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वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरुमे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।।
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ॐ एकदन्ताय विहे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात् ॥
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गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
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श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा॥
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श्री गणेशाय नमः
संकष्टी चतुर्थी व्रत का महत्व
हिंदू धर्म में संकष्टी चतुर्थी व्रत का विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन उपवास रखने से और गणेश जी पूजा करने से हर कार्य में सफलता मिलती है और हर बाधा दूर हो जाती है। संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखने से घर-परिवार में सुख-समृद्धि, खुशहाली और संपन्नता आती है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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