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Sankashti Chaturthi 2022: आज इस विधि से करें संकष्टी चतुर्थी का व्रत, पूरी होगी हर मनोकामना, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा-विधि

Sankashti Chaturthi 2022: हर साल मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर श्रीगणेश संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है। इनकी उपासना शीघ्र फलदायी मानी गई है।

Written By : Acharya Indu Prakash Edited By : Poonam Yadav Updated on: November 12, 2022 11:19 IST
 संकष्टी चतुर्थी व्रत- 2022- India TV Hindi
Image Source : FREEPIK संकष्टी चतुर्थी व्रत- 2022

आज संकष्टी श्रीगणेश चतुर्थी व्रत आप सभी जानते है की हर माह के कृष्ण और शुक्ल, दोनों पक्षों की चतुर्थी को भगवान गणेश की पूजा का विधान है। बस फर्क केवल इतना है कि कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी, जबकि शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को वैनायकी श्री गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है और यह कृष्ण पक्ष की चतुर्थी है, तो इसलिए आज संकष्टी श्रीगणेश चतुर्थी व्रत है। अत: आज संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी व्रत के उपलक्ष्य में भगवान श्री गणेश की उपासना बड़ी ही फलदायी होगी। संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी का अर्थ होता है- संकटों को हरने वाली। भगवान गणेश बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य को देने वाले हैं। इनकी उपासना शीघ्र फलदायी मानी गई है। कहते हैं कि जो व्यक्ति आज संकष्टी श्रीगणेश व्रत करता है, उसके जीवन में चल रही सभी समस्याओं का समाधान निकलता है और उसके सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है।

शुभ मुहूर्त

चतुर्थी तिथि प्रारम्भ - 11 नवंबर 2022 को 08:17 बजे

चतुर्थी तिथि समाप्त - 12 नवंबर 2022 को 10:25  बजे

चन्द्रोदय रात 8 बजकर 6 मिनट पर होगा 

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पूजा विधि

आज सुबह जल्दी उठकर नहाएं और साफ़ कपडे पहनें। आज आप व्रत भी रख सकते हैं। शाम को चंद्रोदय से पहले घर में एक साफ़ जगह पर चौकी की स्थापना करें। उस पर लाल कपड़ा डालें इस चौकी पर थोड़ा चावल रखकर उसके ऊपर भगवान श्रीगणेश प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद शुद्ध घी का दीपक और अगरबत्ती जलाएं। श्रीगणेश को अब हार-फूल चढ़ाएं और उसके बाद अबीर, गुलाल, रोली, चंदन सबको एक साथ चढ़ाएं। अंत में हल्दी लगी दूर्वा अर्पित करें और लड्डूओं का भोग लगाकर आरती करें। आपको बता दूं कि इस व्रत का पारण चन्द्रमा को अर्घ्य देने के बाद किया जाता है, और आज चन्द्रोदय रात 8 बजकर 6 मिनट पर होगा | 

(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं)

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