Sankashti Chaturthi 2022: 12 नवबंर को संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा। हर माह के कृष्ण और शुक्ल दोनों पक्षों की चतुर्थी को भगवान गणेश की पूजा का विधान है। बस फर्क केवल इतना है कि कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी जबकि शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को वैनायकी श्री गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। यह कृष्ण पक्ष की चतुर्थी है तो इसलिए आज संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी व्रत है। संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी का अर्थ होता है संकटों को हरने वाला। भगवान गणेश बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य को देने वाले हैं। इनकी उपासना शीघ्र फलदायी मानी गई है। कहते हैं कि जो व्यक्ति आज संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी व्रत करता है, उसके जीवन में चल रही सभी समस्याओं का समाधान निकलता है और उसके सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है। आपको बता दें कि इस व्रत का पारण चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद किया जाता है। 12 नवंबर को चन्द्रोदय रात 8 बजकर 6 मिनट पर होगा।
संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी व्रत के दिन किए जाने वाले उपाय
परिवार में सुख-शांति बनाए रखने के लिए
अगर आप अपने परिवार में सुख-शांति बनाये रखना चाहते हैं तो आज अपने दोनों हाथों में लाल फूल लेकर गणेश भगवान को अर्पित करें। साथ ही फूल चढ़ाते समय 'ऊँ गं गणपतये नम:' मंत्र का जप करें।
बच्चे की तरक्की और मान-सम्मान में बढ़ोतरी के लिए
अगर आप अपने बच्चे की तरक्की और उसके मान-सम्मान में बढ़ोतरी करना चाहते हैं तो आज अपने बच्चे के हाथों से मंदिर में तिल दान करवाएं। साथ ही गणेश जी का आशीर्वाद प्राप्त करें। अपनी सभी इच्छाओं की पूर्ति करने के लिए गणेश को रोली और चंदन का तिलक लगाएं। साथ ही गणेश जी के मंत्र का 11
बार जप करें।
मंत्र -
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ:।
निर्विघ्नं कुरूमें देव सर्व कार्येषु सर्वदा।।
नौकरी में उच्च पद की प्राप्ति के लिए
अगर आप नौकरी में उच्च पद की प्राप्ति करना चाहते हैं तो आज के दिन आठ मुखी रुद्राक्ष की विधिवत पूजा करके गले में धारण करें।
छोटी-छोटी खुशियों को पाने के लिए
अगर आप छोटी-छोटी खुशियों को बटोरकर अपने जीवन में आनंद भरना चाहते हैं, तो आज भगवान गणेश को बूंदी के लड्डुओं का भोग लगाएं। भोग लगाने के बाद बचे हुए लड्डूओं को छोटी कन्याओं में बांट दें और उनका आशीर्वाद लें।
बच्चों के जीवन की गति बनाएं रखने के लिए
अगर आप अपने बच्चों के जीवन की गति को बनाये रखना चाहते हैं तो आज भगवान गणेश की पूजा के समय एक हल्दी की गांठ लें और उसे कलावे से बांधकर पूजा स्थल पर रख दें। पूजा समाप्त होने के बाद उस हल्दी की गांठ को पानी की सहायता से पीस लें और उससे बच्चे के मस्तक पर तिलक लगाएं।
जीवन से सारी परेशानियों की मुक्ति के लिए
अगर आपके जीवन में किसी तरह की परेशानी चल रही है और आप चाहते हैं कि वह जल्द से जल्द समाप्त हो जाए तो तिल और गुड़ के लड्डू बनाएं और गणेश भगवान की विधि-विधान से पूजा करके उन लड्डुओं से भोग लगाएं। बाकि बचे लड्डुओं को प्रसाद के रूप में परिवार के सब सदस्यों में बांट दें।
(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7।30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं)
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