Ravi Pradosh Vrat 2023: रविवार यानी 29 जुलाई 2023 को रवि प्रदोष व्रत किया जाएगा। इस दिन उपवास रखने और भोलेनाथ की पूजा करने से सुख-समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। यह प्रदोष व्रत बेहद खास संयोग में पड़ रहा है। दरअसल, अभी अधिकमास और सावन दोनों चल रहा है। ऐसे में यह प्रदोष व्रत काफी फलदायी माना जा रहा है। इस बार का प्रदोष व्रत करने से आपको शिवजी के साथ विष्णु जी की भी कृपा प्राप्त होगी। आपको बता दें कि अधिकमास में प्रभु नारायण की पूजा का विधान है।
प्रदोष व्रत 2023 शुभ मुहूर्त
- त्रयोदशी तिथि आरंभ- 30 जुलाई को सुबह 10 बजकर 34 मिनट पर
- त्रयोदशी तिथि समाप्त- 31 जुलाई को सुबह 7 बजकर 26 मिनट पर
- प्रदोष व्रत तिथि- 30 जुलाई 2023
- शिव पूजा का शुभ समय (प्रदोष काल) - 30 जुलाई को शाम 07 बजकर 14 मिनट से रात 9 बजकर 19 मिनट तक
प्रदोष व्रत पूजा विधि
- प्रदोष व्रत के दिन प्रात:काल स्नान कर साफ-सुथरे वस्त्र पहन लें
- इसके बाद शिवलिंग पर शुद्ध जल चढ़ाएं।
- फिर पंचामृत से शिवलिंग को स्नान कराके दोबारा शुद्ध जल चढ़ाएं।
- अब शिवलिंग पर बेल पत्र, गंध, अक्षत, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य, फल, पान, सुपारी, लौंग,इलायची आदि अर्पित करें।
- हर बार एक चीज चढ़ाते हुए 'ऊं नमः शिवाय' मंत्र का जप करें।
- प्रदोष व्रत के दिन शिवजी के साथ माता पार्वती और गणेश जी की भी पूजा करें।
- शिवजी की आरती अवश्य करें।
प्रदोष व्रत का महत्व
सावन माह के प्रदोष व्रत करने से कई गुना अधिक पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। आपको बता दें कि प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष का व्रत रखा जाता है। प्रदोष काल यानि संध्या के समय में भगवान शिव की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि त्रयोदशी तिथि की रात के पहले प्रहर में जो व्यक्ति किसी भेंट के साथ शिव प्रतिमा के दर्शन करता है, उसे जीवन में सुख ही सुख मिलता है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। इंडिया टीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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