Raksha Bandhan 2023: रक्षाबंधन हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसे भाई-बहन के अटूट रिश्ते के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों के हाथों में रक्षा सूत्र बांधती हैं और उन्हें आशीर्वाद देती हैं, जबकि भाई अपनी बहनों को जीवन भर उनकी रक्षा करने का वचन देते हैं। रक्षाबंधन हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस साल यह तिथि 30 अगस्त को पड़ रही है। लेकिन इस बार पूर्णिमा तिथि के साथ-साथ भद्रा का साया भी रहेगा। भद्रा के साये में राखी बांधना शुभ नहीं माना जाता है। ऐसे में राखी बांधने का शुभ मुहूर्त 30 और 31 अगस्त दोनों दिन पड़ रहा है।
भाइयों को राखी बांधने को लेकर कई नियम हैं। इसी तरह राखी बांधने के बाद उसे उतारने के भी अलग-अलग नियम बताए गए हैं। दरअसल, लोग अक्सर इस दुविधा में रहते हैं कि रक्षाबंधन खत्म होने के बाद कलाई पर सजी राखी का क्या किया जाए। कई लोग राखी उतारकर इधर-उधर रख देते हैं। लेकिन ऐसा करना सही नहीं माना जाता है। इससे दुष्प्रभाव हो सकते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि कलाई पर सजी राखियों का क्या करना चाहिए।
रक्षाबंधन के बाद राखी का क्या करें?
ज्योतिषाचार्य चिराग दारूवाला के अनुसार रक्षाबंधन खत्म होने के बाद अगले दिन राखी उतारकर ऐसे स्थान पर रख दें जहां आपकी और आपकी बहन से जुड़ी अन्य चीजें रखी हों। जैसे आप दोनों की एक साथ की तस्वीरें, आपके खिलौने, या कुछ और। इसे अगले साल के रक्षाबंधन तक सुरक्षित रखें। फिर अगले साल जब रक्षाबंधन का त्योहार आए तो इस राखी को जल में प्रवाहित कर दें।
टूटी हुई राखियों का क्या करें?
यदि कलाई से उतारते समय राखी टूट जाए तो उसे संभालकर नहीं रखना चाहिए और न ही इधर-उधर फेंकना चाहिए। उसे या तो एक रुपये के सिक्के के साथ किसी पेड़ के नीचे रखना चाहिए या पानी में प्रवाहित कर देना चाहिए।
राखी बांधने के संबंध में कुछ नियम
हिंदू धर्म में राखी बांधने को लेकर कुछ नियम भी बताए गए हैं। आइए जानते हैं इन नियमों के बारे में
- बहनों को कभी भी भाइयों की कलाई पर काले रंग की या टूटी हुई राखी नहीं बांधनी चाहिए।
- राखी बांधते समय भाइयों को हमेशा अपना सिर रूमाल से ढकना चाहिए।
- भद्रा काल में कभी भी राखी नहीं बांधनी चाहिए।
- राखी बांधते समय भाइयों को जमीन पर नहीं बल्कि पीढ़े पर बैठाना चाहिए।
- राखी बांधते समय भाई का चेहरा उत्तर-पूर्व दिशा में होनी चाहिए और बहन का चेहरा दक्षिण-पश्चिम की दिशा में होना चाहिए।
(ज्योतिषी चिराग दारूवाला विशेषज्ञ ज्योतिषी बेजान दारूवाला के पुत्र हैं। उन्हें प्रेम, वित्त, करियर, स्वास्थ्य और व्यवसाय पर विस्तृत ज्योतिषीय भविष्यवाणियों के लिए जाना जाता है।)
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