Rabindranath Tagore Jayanti 2023: भारत के राष्ट्रगान 'जन-गण-मन' के रचयिता और संगीत-साहित्यिक सम्राट रवींद्रनाथ टैगोर की आज 162वीं जयंती है। रवींद्रनाथ टैगोर का जन्म 7 मई 1861 में कोलकाता में हुआ था। रवींद्रनाथ टैगोर ने केवल 8 वर्ष की उम्र में कविता लिखना शुरू कर दिया था। उन्होंने अपने जीवन में 2200 से भी ज्यादा गीत लिखें हैं। इतना ही नहीं टैगोर बांग्लादेश का भी राष्ट्रगान 'आमार सोनार बांग्ला' लिखा था। तो चलिए रवींद्रनाथ टैगोर के जन्मदिन के मौके पर उनके अनमोल वचनों के बारे में जानते हैं।
जानें रविंद्रनाथ टैगोर के कुछ अनमोल विचार
- हम महानता के सबसे करीब तब होते हैं जब हम विनम्रता में महान होते हैं - रवींद्रनाथ टैगोर
- हमेशा तर्क करने वाला दिमाग धार वाला वह चाकू है जो प्रयोग करने वाले के हाथ से ही खून निकाल देता है - रवींद्रनाथ टैगोर
- चंद्रमा अपना प्रकाश संपूर्ण आकाश में फैलाता है परंतु अपना कलंक अपने ही पास रखता है - रवींद्रनाथ टैगोर
- केवल प्रेम ही वास्तविकता है, ये महज एक भावना नहीं है। यह एक परम सत्य है जो सृजन के ह्रदय में वास करता है - रवींद्रनाथ टैगोर
- यदि आप सभी गलतियों के लिए दरवाजे बंद कर देंगे तो सच बाहर रह जाएगा - रवींद्रनाथ टैगोर
- मित्रता की गहराई परिचय की लम्बाई पर निर्भर नहीं करती - रविंद्रनाथ टैगोर
- समय परिवर्तन का धन है, परन्तु घड़ी उसे केवल परिवर्तन के रूप में दिखाती है, धन के रूप में नहीं - रविंद्रनाथ टैगोर
- हमेशा तर्क करने वाला दिमाग धार वाला वह चाकू है जो प्रयोग करने वाले के हाथ से ही खून निकाल देता है - रविंद्रनाथ टैगोर
- प्रसन्न रहना बहुत सरल है, लेकिन सरल होना बहुत कठिन है - रविंद्रनाथ टैगोर
- मित्रता की गहराई परिचय की लम्बाई पर निर्भर नहीं करती - रविंद्रनाथ टैगोर
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