Putrada Ekadashi 2024: आज यानी कि 16 अगस्त को पुत्रदा एकादशी का व्रत रखा जा रहा है। सावन माह के शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि को पुत्रदा एकादशी व्रत करने का विधान है। शास्त्रों में इस एकादशी का बड़ा ही महत्व बताया गया है। पुत्रदा एकादशी के दिन जो व्यक्ति भगवान श्री विष्णु के निमित्त व्रत कर उनकी उपासना करता है तो उसकी सुंदर और स्वस्थ संतान प्राप्ति की कामना पूरी होती है। इसके अलावा जो व्यक्ति ऐश्वर्य, संतति, स्वर्ग, मोक्ष, सब कुछ पाना चाहता है, उसे भी यह व्रत करना चाहिए।
पुत्रदा एकादशी व्रत की कथा
पौराणिक कथा के अनुसार एक समय की बात है जब भद्रावती नगर में एक सुकेतु नाम का एक राजा राज्य करता था। उनकी पत्नी का नाम शैव्या था। वह राजा धर्म को बहुत मानने वाले और प्रजापालक थे। लेकिन इतना सब कुछ होने के बाबजूद भी उनकी कोई संतान नहीं थी। राजा को इस बात की चिंता सदैव सताती थी कि आगे उसके वंश का नाम कैसे चलेगा। इस कारण राजा सुकेतु यह सोच कर बहुत दुःखी रहते थे। एक दिन उन्होंने अपने आश्रम में कुछ ऋषि-मुनियों को देखा, जो वहां भजन कीर्तन करते हुए आ पहुंचे थे। राजा क्योंकि धर्मनिष्ठ थे और उनकी संतों में आस्था थी। इस कारण वह उनके पास गए और उन्हें प्रणाम किया। उन तेजस्वी और विद्वान ऋषियों ने राजा को देखते ही उसके दुःखी होने का अंदाजा लगा लिया था।
राजा जब उनके पास पहुंचे तो उनसे अपनी सारी समस्या बताई। मुनियों ने राजा से कहा कि आप पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी का व्रत रखिएगा। इस दिन व्रत रखने से आपको संतान सुख की प्राप्ति होगी। राजा ने मुनियों की बात मानी और पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी का व्रत रखा। व्रत के बाद राजा सुकेतु ने भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की और उन्होंने पुत्र प्राप्ति का वरदान मांगा। भगवान विष्णु ने राजा की प्रार्थना स्वीकार कर ली और कुछ समय बाद राजा की पत्नी के गर्भ से एक पुत्र हुआ। राजा बहुत खुश हुआ और उसने पुत्रदा एकादशी व्रत के महत्व को लोगों को बताया।
पुत्रदा एकादशी व्रत 2024 शुभ मुहूर्त और पारण का समय
- सावन शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि प्रारंभ- 15 अगस्त 2024 को सुबह 10 बजकर 26 मिनट से
- सावन शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि समापन- 16 अगस्त 2024 को सुबह 9 बजकर 39 मिनट पर
- पुत्रदा एकादशी 2024 व्रत तिथि- 16 अगस्त 2024
- पुत्रदा एकादशी पारण का समय- 17 अगस्त को सुबह 5 बजकर 51 मिनट से सुबह 8 बजकर 5 मिनट तक
- द्वादशी तिथि समाप्त- 17 अगस्त 2024 को सुबह 8 बजकर 5 मिनट पर
पुत्रदा एकादशी व्रत का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पुत्रदा एकादशी का व्रत रखने से व्रत करने वालों को स्वस्थ्य और पराक्रमी संतान की प्राप्ति होती है। वहीं जिनकी पहले से संतान है उनके ऊपर से हर संकट दूर होते हैं और उन्हें जीवन में तरक्की मिलती है। इसके साथ ही पुत्रदा एकादशी का व्रत करने से घर में सुख समृद्धि आती है। भगवान विष्णु परिवार पर मंडरा रहे हर संकट को दूर कर देते हैं। इसके साथ ही एकादशी का व्रत करने से मां लक्ष्मी की भी कृपा प्राप्त होती है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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