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Putrada Ekadashi 2025 Date: जनवरी में इस दिन रखा जाएगा पुत्रदा एकादशी व्रत, जानें सही डेट, विधि और महत्व

Putrada Ekadashi 2025 Date: पुत्रदा एकादशी का व्रत पारिवारिक खुशियों और संतान प्राप्ति के लिए रखा जाता है। साल 2025 में पुत्रदा एकादशी कब है, आइए जानते हैं।

Written By: Naveen Khantwal
Published : Jan 02, 2025 11:50 IST, Updated : Jan 02, 2025 11:52 IST
Putrada Ekadashi 2024
Image Source : INDIA TV पुत्रदा एकादशी 2025

Putrada Ekadashi 2025 Date: पुत्रदा एकादशी हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण व्रत माना जाता है। यह व्रत संतान प्राप्ति और संतान की सुख समृद्धि के लिए अति उत्तम माना गया है। पौष माह में आने वाला यह व्रत कई दंपतियों के जीवन में सुख-समृद्धि लाने वाला होता है। साल 2025 की पहली एकादशी पुत्रदा एकादशी ही है। ऐसे में इस दिन व्रत रखने से आप पूरे साल भर शुभ फल भी प्राप्त कर सकते हैं। ऐसे में आइए जान लेते हैं कि, जनवरी के महीने में पुत्रदा एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा। व्रत की विधि क्या और हिंदू धर्म में इसका क्या महत्व है। 

पुत्रदा एकादशी तिथि 2025

साल 2025 की पहली एकादशी का व्रत जनवरी के दूसरे सप्ताह में रखा जाएगा। एकादशी तिथि 9 जनवरी से शुरू होकर 10 जनवरी तक व्याप्त रहेगी। 

  • एकादशी तिथि आरंभ- 9 जनवरी 2025 दोपहर 12 बजकर 23 मिनट से 
  • एकादशी तिथि समाप्ति- 10 जनवरी सुबह 10 बजकर 20 मिनट तक 
  • उदयातिथि की मान्यता के अनुसार, एकादशी का व्रत  10 जनवरी 2025 को रखा जाएगा। 

पुत्रदा एकादशी व्रत विधि

एकादशी तिथि के व्रत रखने वाले हैं तो दशमी तिथि से ही आपको सात्विक जीवन जीना चाहिए। इसके बाद एकादशी तिथि के दिन प्रातःकाल जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए और व्रत का संकल्प आपको लेना चाहिए। पूजा स्थल पर भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र स्थापित इसके बाद करें। विष्णु भगवान को गंगाजल, रोली, चावल, पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें। इसके बाद दीपक और अगरबत्ती जलाएं। तत्पश्चात भगवान को फल, मिष्ठान्न और पंचामृत अर्पित करें। व्रत रखने वालों के लिए पूजा के दौरान पुत्रदा एकादशी की कथा सुनना या पढ़ना अनिवार्य माना गया है। कथा सुनने से व्रत का पूरा फल प्राप्त होता है। इस दिन व्रत रखने वालों को दिनभर भगवान विष्णु के नाम का जप करना चाहिए। आप चाहें तो “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप कर सकते हैं। व्रत का पारण द्वादशी के दिन सूर्योदय के बाद आपको करना चाहिए। इस दिन ब्राह्मणों को भोजन खिलाकर दान-दक्षिणा दें और फिर स्वयं भोजन ग्रहण करें।

पुत्रदा एकादशी का महत्व

पुत्रदा एकादशी का व्रत करने से दंपत्तियों को संतान सुख की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही इस दिन व्रत रखने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह व्रत पारिवारिक सुख-शांति और संतान के उज्ज्वल भविष्य के लिए भी अत्यंत शुभ माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, महिष्मति नगरी के राजा सुकेतुमान और उनकी रानी शैव्या ने इस व्रत को रखा था, जिससे उन्हें योग्य संतान की प्राप्ति हुई थी।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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